मुगलों के स्थापत्यशास्त्र का उल्लेख हटा कर छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को प्राधान्य !
तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पाठ्यपुस्तकों में हिन्दूद्वेषी एवं मुगलों का उदात्तीकरण करनेवाला मिथ्या इतिहास अंतर्भूत किया था। इसलिए सत्य इतिहास समाज के सामने कभी आया ही नहीं ! भाजपा शासन ने मिथ्या इतिहास निकाल दिया, यह अभिनंदनीय है ! इससे पूर्व के सरकारों में से, अब तक सत्य इतिहास दबा कर रखनेवाले उत्तरदायी सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए तथा मुगलों ने हिन्दुओं पर किए क्रूर अत्याचार भी समाज के सामने आने हेतु भाजपा शासन को प्रयास करने चाहिए। हिन्दुओं को यही अपेक्षित है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
मुंबई : महाराष्ट्र राज्य शिक्षा मंडल के अभ्यासक्रम से कक्षा सातवीं एवं नववीं के इतिहास की पुस्तक से मुगलों का पाठ निकाल दिये गये हैं ! शिक्षामंत्री श्री. विनोद तावडेद्वारा रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी में आयोजित बैठक के पश्चात मुगलों का इतिहास हटाया गया है एवं उसके स्थान पर आधुनिक इतिहास अंतर्भूत किया गया है। (एनसीईआरटी ने मराठों के पराक्रम का संपूर्ण इतिहास ही पुस्तक में अंतर्भूत नहीं किया था। इसलिए उसे भी अब अंतर्भूत करें, ऐसी अपेक्षा है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. राज्य शिक्षा मंडल की कक्षा सातवीं एवं नववीं के इतिहास की पुस्तक के नए अभ्यासक्रम से मुगल एवं मुगल शासन से पूर्व के रजिया सुल्तान, महंमद बिन तुघलक एवं शेर साह सूरी आदि मुसलमान शासकों का उल्लेख भी निकाल दिया गया है !
२. इसके अतिरिक्त मुसलमान शासकों ने ताजमहाल, कुतूबमिनार एवं लाल किला आदि स्थापित करने का उल्लेख भी पाठ्यपुस्तक से निकाल दिया गया है !
३. नए अभ्यासक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराजद्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज्य पर अधिक प्राधान्य दिया गया है ! (छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास ही महाराष्ट्र का खरा इतिहास है। उसको प्रधानता देना ही आवश्यक है। इसलिए महाराष्ट्र शासन का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. नववीं के पुस्तक में बोफोर्स घोटाला एवं आपात्काल (१९७५-७७) का उल्लेख किया गया है !
क्रूरकर्मा अकबर का ‘गौरवपूर्ण’ इतिहास निकाल दिया !
इस पुस्तक में केवल ३ पंक्तियों में अकबर का इतिहास प्रस्तुत किया है ! (एनसीईआरटी के पाठ्यपुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास केवल ४ पंक्तियों में प्रस्तुत किया गया है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) पूर्व के पाठ्यपुस्तक में अकबर का ‘गौरवपूर्ण’ उल्लेख किया गया था। उसे भी निकाला गया है। अफगानी आक्रामकों ने ‘रुपया’ चलन में लाने का उल्लेख भी निकाल दिया है !
पूर्व के पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति के सदस्य श्री. बापूसाहेब शिंदे ने उपरोक्त जानकारी दी। इस संदर्भ में श्री. तावडे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात