शिया वक्फ बोर्ड का अभिनंदनीय निर्णय ! एेसा निर्णय यदि पहले ही लिया होता, तो यह समस्या हा हल पहले ही निकल जाता ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
नई देहली : अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद को लेकर उच्चतम न्यायालय में ११ अगस्त से सुनवाई होनी है। इस अहम सुनवाई से पहले शिया वक्फ बोर्ड ने न्यायालय में हलफनामा दायर किया है। शिया वक्फ बोर्ड ने अपने हलफनामे में कहा है कि, मस्जिद को राम जन्मभूमि से थोड़ी दूर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बनाया जाना चाहिए। बोर्ड का कहना है कि, दोनों धार्मिक स्थल के पास होने से झगड़े की आशंका होगी, मंदिर और मस्जिद दोनों में लाउडस्पीकर का उपयोग किया जाता है। बोर्ड ने यह भी कहा कि, वर्ष १९४६ तक बाबरी मस्जिद उनके पास थी अंग्रेजों ने गलत कानून प्रक्रिया से इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया था। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि, बाबरी मस्जिद मीर बकी ने बनवाई थी जो कि शिया था।
११ अगस्त से होगी सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या रामजन्म भूमि विवाद मामले की सुनवाई के लिए ३ न्यायाधीशों की विशेष पीठ तय कर दी है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ अपीलों पर ११ अगस्त से मामले की सुनवाई करेगी। इस विशेष पीठ के गठन के बाद ७ वर्षो से लंबित इस मामले में नियमित सुनवाई और जल्दी निपटारे की आशा जगी है।
गौरतलब है कि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने ३० सितंबर, २०१० को दो-एक के बहुमत से फैसला सुनाया था। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने इस निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही मामला लंबित रहने तक विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
संदर्भ : जागरण