सीरिया जाने की फिराक मे था कनाडा संसद का हमलावर

कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६

ओटावा – कनाडा की राजधानी ओटावा में संसद पर हमला करने वाले बंदूकधारी का आपराधिक रिकार्ड था और उसने हाल में सीरिया जाने के लिए एक पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया था।

रायल कनाडाई माउंटिड पुलिस (आर.सी.एम.पी.) के आयुक्त बाब पॉलसन ने बताया कि संसद पर हमला करने वाला संदिग्ध माइकल जेहाफ बिबियू(32) एक कनाडाई है और साथ ही संभवत:उसने लीबियाई नागरिकता भी ले रखी थी।

उन्होंने बताया कि जेहाफ का किसी अन्य कनाडाई नागरिक से कोई संबंध नजर नहीं आता। जेहाफ ने बुधवार को संसद के निकट युद्ध स्मारक पर हमला किया, जिसमें एक सैनिक मारा गया और इसके बाद वह संसद में घुस गया जहां सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में वह मारा गया।

संदिग्ध जेहाफ की मां सुसान बिबिहू ने कल एक बयान जारी करके अपने पुत्र की इस कार्रवाई के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा, “हम अपना दुख शब्दों में नहीं बयां कर सकते है। हम इस घटना पर खेद व्यक्त करते है।”

जेहाफ बिबियू के साथ रहने वाले उसके एक मित्र स्टीव स्कीच ने बताया कि जेहाफ लीबिया जाकर इस्लामिक स्टेट में शामिल होना चाहता था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि संसद को अपना काम जारी रखना चाहिए। देश में किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा एजैंसियां सभी संभव प्रयत्न करेंगी।

उन्होंने कहा कि किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह डर जाएंगे। कनाडा ऐसी घटनाओं से कभी नहीं डरेंगा। इस तरह के खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा एजैंसियां सभी कदम उठा रही है ताकि देश की जनता को सुरक्षित रखा जा सके।

हमले के समय प्रधानमंत्री स्टीफान हार्पर सांसदों के साथ एक बैठक कर रहे थे।  यह गोलीबारी उस घटना के 2 दिन बाद हुई है जिसमें मांट्रियल के पास इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) के एक संदिग्ध आतंकवादी की कार की चपेट में आकर एक कनाडाई सैनिक की मौत हो गई थी।

स्त्रोत : पंजाब केसरी


अद्ययावत

२३ अक्टूबर २०१४, कार्तिक अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११६

कनाडा संसद पर आतंकी हमला

टोरंटो (कनाडा) – कनाडा की राजधानी ओटावा में संसद के बाहर और अंदर आतंकी हमले से सनसनी फैल गयी है। हालांकि पहले गोलियां संसद के पास ही स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर चलाई गईं, लेकिन बाद में संसद के भीतर भी गोलियां चलने की आवाजें आईं। सुरक्षा बलों ने आसपास की सभी इमारतों को बंद कर संसद एवं अन्य जगह एक-एक कमरे में तलाशी अभियान चलाया है। कनाडा के सुरक्षा बलों ने इस्लामिक स्टेट और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों की ऑन लाइन बातचीत से हमले की आशंका को भांप लिया था। माना जा रहा था कि अगर तैयारी न होती तो हमला खौफनाक हो सकता था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गोलीबारी के समय ही बंदूक लिये एक आदमी को सरकारी इमारतों की ओर दौड़ते हुए देखा गया है। इस हमले में एक सैनिक सहित कई लोगों के घायल होने की सूचना है। बताया जा रहा था कि इस हमले से कुछ समय पहले ही आतंकी हमले को लेकर अलर्ट कर दिया गया था। इस हमले को लेकर ओटावा की पुलिस ने ट्वीट करके बताया, ‘आज सुबह 9:52 बजे वॉर मेमोरियल पर गोलियां चलीं, एक व्यक्ति घायल है।’ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ गोलियों के चलने की आवाज़ें संसद के भीतर से भी आई हैं। इस बीच प्रधानमंत्री स्टीफ़न हार्पर के संचार निदेशक ने ट्विटर पर लिखा है कि प्रधानमंत्री ‘सुरक्षित हैं और संसद से निकल चुके हैं।’

बताया जा रहा है कि आतंकी हमले को लेकर जारी अलर्ट के बाद इस्लामिक स्टेट और अल-क़ायदा जैसे चरमपंथी गुटों के बीच ऑनलाइन चर्चा में आई तेज़ी आई। इससे माना जा रहा है कि उन्होंने यह हमला किया। इसे क्यूबेक पुलिस की हाल की कार्रवाई का बदला भी बताया जा रहा है।

कनाडा में हुए इस हमले को भले ही ऐन वक्त पर नाकाम कर दिया गया हो, लेकिन इसको लेकर विश्व के तमाम देशों में हड़कंप है। गौर हो कि आतंकी संगठनों के खौफनाक इरादों को लेकर कई देश सतर्क हैं। कई देशों में इनकी करतूतों को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है। आईएस की तो भारत में सक्रियता की खबरें पिछले दिनों से चल रही हैं।  कनाडा सरकार का आधिकारिक बयान अभी इस मसले पर नहीं आया है।

स्त्रोत : दैनिक ट्रिब्युन

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