कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
नरेंद्र मोदी जिन्हें देशभक्त कहते हैं, क्या ये वही धर्मांध हैं ?
- पुलिसके विरोधमें लाखों धर्मांधोंद्वारा मोर्चा !
- अनेक घंन्टोंतक नगर बंद !
बर्धमान (बंगाल) – बर्धमानमें हुए बमविस्फोटकी पार्श्वभूमिपर राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रद्वारा बंगालमें जांच की जा रही है । इस बमविस्फोटके सूत्र मदरसातक पहुंचनेके कारण मदरसोंकी भी जांच की जा रही है । मदरसोंमें अन्वेषण तंत्रके अधिकारियोंसे की जानेवाली पूछताछके निषेधके रूपमें जमात-ए-उलेमा-ए-हिंन्द संगठनद्वारा मोर्चा निकाला गया । इस अवसरपर इस मोर्चेमें उपस्थित लाखों धर्मांधोंके सामने विषवमन किया गया कि बमविस्फोटकी जांचके लिए मदरसेमें आनेके लिए पुलिसको विरोध करें । (हिन्दुओंद्वारा किसी भी प्रकरणमें वैधानिक मार्गसे मोर्चा निकालनेका प्रयास किया गया, तो पुलिस अनुमति देते समय प्रताडित करती है; परंतु धर्मांध देशद्रोही विचारोंके समर्थनमें मोर्चा निकालते हैं, तो उसके लिए पुलिस अनुमति देती है ! ऐसी पुलिस धर्मांधोंद्वारा मार खाने योग्य ही है ! ऐसी पुलिसको ‘हिन्दू राष्ट्र’में आजन्म कठोर साधना करनेका दंड दिया जाएगा !- संम्पादक, दैनिक सनातन भारत )
१. बर्धमानमें हुए बमविस्फोटमें अपराधीके रूपमें पकडे गए धर्मांध महिलाओंको यहांके एक मदरसामें बम बनानेका प्रशिक्षण देनेकी बात उजागर हो गई थी । उसीप्रकार बांग्लादेशमें आतंकवादी गुटकी ओरसे यहां एक प्रशिक्षण केंद्र खडा करनेका मानस होनेकी बात भी स्पष्ट हो गई थी ।
२. इस जानकारीके आधारपर केंद्रशासनद्वारा इस प्रकरणकी जांच करने हेतु नियुक्त राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्रद्वारा यहांके विविध मदरसोंकी जांच की गई ।
३. मदरसा पवित्र स्थान है तथा पुलिसद्वारा यहां जांच करना निषेधार्ह है, इस उद्देश्यसे जमात-ए-उलेमा-ए-हिंन्द संगठनद्वारा निकाले गए मोर्चेमें लाखों धर्मांध उपस्थित थे । ( मदरसा यदि पवित्र स्थान है, तो वहां बम कैसे बनाए जाते हैं ? जिहादी आतंकवादी कैसे उत्पन्न होते हैं ? क्या इसका उत्तर धर्मांध देंगे ? – संम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. मदरसा आतंकवादियोंके अड्डे हैं, इस प्रकार देशस्तरपर होनेवाली मदरसोंकी अपकीर्ति एवं पुलिसद्वारा मदरसोंकी जांचको तत्काल रोकनेकी मांग इस संगठनद्वारा की गई है । (देशद्रोही धर्मांध ! यदि ये धर्मांन्ध देशभक्त होते, तो उन्होंने जिस मदरसेमें जिहादी आतंन्कवादी कार्य करते हैं, उनकी जानकारी स्वयं दी होतीr ! – संम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. जमात-ए-उलेमा-ए-हिंन्द संगठनके राष्ट्रीय सचिव सिद्दीकुल्लाह चौधरीने प्रतिपादित किया कि देशकी किसी एक मदरसेमें ऐसी घटना होनेके कारण कुलमिलाकर सभी मदरसोंका आतंकवादियोंसे संम्बन्ध जोडना चूक है । ( कोई एक अथवा दूसरे जिस मदरसेमें ऐसी घटना हुई, उसकी जानकारी ये घटना होनेतक देशभक्त धर्मांधोंद्वारा क्यों नहीं दी गई ? उन्होंने जिहादियोंको विरोध क्यों नहीं किया ? अन्यत्रके मदरसेमें यदि ऐसी घटना होती है, तो उसकी जानकारी देनेकी बात सिद्दीकुल्लाह चौधरी क्यों नहीं करते ? – संम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
६. चौधरीने कहा कि मदरसोंकी इस प्रकारसे अपकीर्ति करनेसे इससे पूर्र्व बंगालके बुद्धदेब भट्टाचार्यकी सरकार पराजित हो गई थी । अब ममता बैनर्जी भी उसीप्रकारसे मदरसोंके बोल रही हैं । इसलिए उनको इसके परिणाम भुगतना पडेंगे । (धर्मांधोंकी चापलूसी करनेवाले सर्वपक्षीय राजनेताओंको तमाचा ! ऐसी धमकी देनेवाले भारतमें कैसे रह सकते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
७. बंगाल शांति एवं धार्मिक सौहार्दकी भूमि होनेसे यहांकी शांति भंग करनेका प्रयास न करनेका आवाहन ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट संगठनके प्रवक्ता रफिकुलने किया । (रफिकुलकी मासुमियत ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
८. इस अवसरपर धर्मांधोंद्वारा अनेक घंन्टोंतक बर्धमान नगर बंद किया गया था तथा पुलिसको बमविस्फोटके संदर्भमें मदरसेमें जानेका विरोध करनेके संदर्भमें सभीको आवाहन किया जा रहा था । (देशद्राही कार्यवाहियां करनेके अन्वेषणको fिवरोध करनेका साहस धर्मांधोंको कैसे होता है ? क्या बंगालकी पुलिस साई है ? – संम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
(संदर्भ : इण्डियन एक्प्रेस)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात