कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दुआें, मुसलमानोंसे धर्मप्रेम सीखे !
श्रीनगर – दक्षिण कश्मीर के मागाम कोकरनाग में बुधवार को उस समय पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जब पटाखों में इस्तेमाल कागज पर पाक कुरान की कुछ आयतों के लिखे होने से लोग हिंसा पर उतर आए। हिंसक भीड़ ने एक स्कूटर चालक को पीटने के अलावा उसके स्कूटर को भी आग लगा दी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में एक एसपी रैक के अधिकारी समेत चार सुरक्षाकर्मी व चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए। इस बीच, अनंतनाग के जिला उपायुक्त ने पूरे जिले में अगली सूचना तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार, अनंतनाग जिले के मागाम में ईद की खुशी में कुछ लोगों ने पटाखे जलाए थे। सुबह सफाई करते हुए लोगों ने जब जले हुए पटाखों को हटाया तो उन्हे पटाखे बनाने में इस्तेमाल हुए कागज पर मजहबी बातें लिखी हुई नजर आई। जैसे ही यह खबर फैली पूरे इलाके में तनाव फैल गया। लोग मजहबी नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए।
नारेबाजी करते हुए लोगों ने एक जुलूस निकाला और हांगल गुंड कोकरनाग में आकर उन्होंने सड़क बंद कर दी। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। इस दौरान एक स्कूटर चालक ने जब जबरन वहां से निकलने का प्रयास किया तो दो प्रदर्शनकारियों से उसकी टक्कर हो गई। इससे उत्तेजित अन्य प्रदर्शनकारियों ने उसकी जमकर पिटाई करते हुए स्कूटर को आग लगा दी।
इस बीच, सड़क पर धरने की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर वहां से हटाने का प्रयास किया। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने एक एएसपी रैक के अधिकारी के साथ मारपीट का प्रयास करते हुए पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजते हुए आंसूगैस का इस्तेमाल किया।
दोपहर बाद तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों का दौर चला। इसमें चार सुरक्षाकर्मियों समेत आठ लोग जख्मी हो गए। घायलों में एक एएसपी भी है। दोपहर बाद ही स्थिति पर काबू पाया जा सका।
इस बीच, अनंतनाग के जिला उपायुक्त अगली सूचना तक पूरे जिले में पटाखों की बिक्री और उनके भंडारण पर रोक लगा दी है। उन्होंने जिले में सभी एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया है कि वह अपने अपने कार्याधिकारी क्षेत्र में सभी दुकानदारों से पटाखों को जब्त करते हुए उन्हे संबंधित पुलिस स्टेशनों में जमा कराने के लिए कहा है। हालांकि प्रशासन ने अपने इस कदम के बारे में कोई वजह नहीं बताई है, लेकिन समझा जा रहा है कि यह मागम कोकरनाग में सुबह हुए हंगामे के बाद ही लिया गया फैसला है।
स्त्रोत : जागरण