पौष शुक्ल ८, कलियुग वर्ष ५११४
मुसलमानोंके देशद्रोही मौलाना इमाम बुखारीके विषयमें कुछ भी न बोलनेवाली; परंतु हिंदुओंके १८ धर्माचार्योंको बंदी बनाकर उन्हें प्रताडित करनेवाली कांग्रेसके राज्यकी रजाकारी पुलिस !
आंध्रप्रदेशमें धर्मांध ओवैसीके विरोधमें निवेदन देनेका प्रयास
धर्माचार्यसे भेंट करते हुए श्री. ठाकुर राजा सिंह
हिंदुओंके धर्माचार्योंको बिना किसी कारण बंदी बनानेवाली पुलिसके विरोधमें उनके वरिष्ठ अधिकारियोंसे परिवाद करें एवं उनके नाम ‘सनातन प्रभात’को सूचित करें !
भाग्यनगर (हैदराबाद ), १७ जनवरी – हिंदूद्वेषी वक्तव्य देनेवाले ‘मजलिस-ए-इत्ते हादुल मुस्लीमीन’ के (‘एम आइ एम’ के ) विधायक अकबरुद्दीन ओवैसीके विरोधमें राज्यपालको निवेदन देने हेतु राजभवनपर जानेवाले १८ स्वामियोंको बिना किसी कारण अचानक भाग्यनगर पुलिसने (आरक्षकोंने) नियंत्रणमें लिया ।
(ओवैसीद्वारा देशद्रोही वक्तव्य देनेपर आंध्रप्रदेश पुलिसने उन्हें बंदी बनाने हेतु टालमटोल की; परंतु उनपर कठोर कार्यवाही होने हेतु वैध मार्गसे कृत्य करनेवाले हिंदुओंके धर्माचार्योंको नियंत्रणमें लेनेवाली पुलिस हिंदू राष्ट्र स्थापित करना अनिवार्य कर रही है ! कांग्रेसी शासकोंकी दास बनी ऐसी रजाकारी पुलिसको हिंदू राष्ट्रमें कानूनके अनुसार कठोर दंड दिया जाएगा ! – संपादक ) उन्हें यहांके बंजारा पुलिस थानेमें एक घंटा बैठाकर रखा गया एवं तत्पश्चात जानेकी अनुमति दी गई । ( बिना किसी कारण धर्माचार्योंको नियंत्रणमें लेकर तत्पश्चात जानेको कहनेवाली पुलिसकी यह मुगलाई ही है ! इसके विरोधमें धर्माभिमानी हिंदुओंको संगठित होकर पुलिसपर कार्यवाही होने हेतु वैध मार्गसे आंदोलन करना चाहिए, अन्यथा हिंदुओंके संत, महंत, स्वामीजीको निरंतर ऐसी ही घटनाओंका सामना करना पडेगा ! – संपादक ) परंतु जबतक कथित भडकाऊ भाषण देनेका आरोप लगाकर बंदी बनाए गए स्वामी कमलानंद भारतीको मुक्त नहीं किया जाएगा, तबतक पुलिस थानेसे वापस नहीं जाएंगे, ऐसा कहते हुए उन्होंने अनशन आरंभ किया ।
( पुलिस को जैसेको तैसा उत्तर देनेवाले धर्माचार्य हिंदुओंके लिए आदर्श हैं ! -संपादक ) इस अवसरपर विजयवाडाके श्री शिव स्वामीजी भी यहां उपस्थित थे । अंततः गृहमंत्रीने ‘स्वामी कमलानंद भारतीको कारागृहमें कोई कष्ट नहीं होंगे’, ऐसा आश्वासन दिया तत्पश्चात स्वामीजीने अनशन स्थगित किया । ( इससे यही स्पष्ट होता है कि मीठा बोलकर गृहमंत्रीने धर्माचार्योंको बिदा किया । वास्तवमें उन्हें बंदी बनाना ही अन्याय है । इस विषयमें उन्होंने कोई भाष्य नहीं किया ! – संपादक )
पुलिस एवं शासकोंका हिंदूद्वेष !
१. १६ जनवरीको सायंकाल ५ बजे धर्माचार्यने अनशन आरंभ किया ।
२. १७ जनवरीको दोपहर १२.३० बजेतक उन्हें पुलिस थानेके बाहर धूपमें अनशनके लिए बैठना पडा । इस समय पुलिसने उनके लिए छायाकी कोई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु कोई प्रयास नहीं किए । ( इससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस हिंदुओंके धर्माचार्यके विषयमें कितनी असंवेदनशील है ! हिंदुओंके धर्माचार्य सहिष्णु होनेके कारण ही वैध मार्गसे आंदोलन करते हैं, जबकि धर्मांध सीधे कानून हाथमें लेते हैं ! क्या पुलिस चाहती है कि हिंदुओंको भी अब धर्मांधोंका मार्ग अपनाना चाहिए ? – संपादक)
३. १७ जनवरीको सवेरे ११ बजे ४ धर्माचार्योंको गृहमंत्री सविता इंद्रा रेड्डीसे मिलनेकी अनुमति मिली । गृहमंत्रीसे भेंटमें हुई चर्चाकी जानकारी ‘श्री सेवा फाऊंडेशन’की मंजुला श्रीने दी ।
४. मंजुला श्रीने कहा कि मुझे ज्ञात नहीं था कि कमलानंद भारतीको बिना किसी सूचनाके बंदी बनाया गया है । गृहमंत्रीद्वारा आश्वासन दिया गया है कि उन्हें कोई कष्ट नहीं होगा । ( हिंदुओंको शासकोंसे इस प्रकार केवल आश्वासन मिलता है, जबकि ओवैसीसमान लोगोंको अत्याधुनिक सुविधाओंके साथ बिरियानी खिलाई जाती है ! – संपादक )
५. गृहमंत्रीसे मिलनेके पश्चात राज्यपालसे मिलनेकी मांग प्रथमतः अस्वीकार की गई; परंतु दोपहर १२.३० के उपरांत राजभवन जानेकी अनुमति दी गई । राजभवनपर राज्यपालके सचिवको स्वामी कमलानंद भारतीको मुक्त करने हेतु निवेदन दिया गया ।
मृतवत हिंदू एवं उनके सामर्थ्यवान हिंदूनिष्ठ संगठन !
१६ जनवरी रात्रि स्वामीजीको बंदी बनाया गया । यह जानकारी ‘फेसबुक’, ‘ट्वीटर’, इमेल एवं लघुसंदेशद्वारा हिंदूनिष्ठ एवं धर्माभिमानियोंको दी गई । फिर भी दूसरे दिन पुलिस थानेमें केवल २०-२५ हिंदू एकत्रित आए थे, जिनमें प्रखर हिंदूनिष्ठ नगरसेवक श्री. ठाकुर राजा सिंह, लेखक डॉ. सीतारामय्या एवं हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता थे । ( हिंदुओंके धर्माचार्योंको बंदी बनाए जानेकी जानकारी प्राप्त होकर भी उनकी रक्षाके लिए एकत्रित न आनेवाले हिंदू एवं सामर्थ्यवान हिंदूवनिष्ठ संगठन हिंदूद्रोही ही हैं ! ऐसे हिंदू एवं संगठनोंको ईश्वर भी क्यों सहायता करें ? – संपादक )
नियंत्रणमें लिए गए कुछ धर्माचार्योंका परिचय
नियंत्रणमें लिए कुछ धर्माचार्योंके नाम आगे दिए नुसार हैं । ‘इस्कॉन’के श्री राधा मनोहर दास, ‘शिवानंद धाम बिहार स्कूल ऑफ योग’के भक्ति चैतन्य स्वामी, नवलकोंडाके श्री ज्ञानेश्वरानंद स्वामी, श्री सेवा फाऊंडेशनकी मंजुला श्री, महबूबनगरके श्री. पांडुरंग योग गुरुजी, श्री शैव क्षेत्रके संस्थापक श्री शिव स्वामीजी एवं विश्वधर्म परिरक्षण वेदिकाके अध्यक्ष
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात