कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
तेहरान – ईरान ने मानवाधिकार संगठनों के विरोध के बावजूद २६ साल की रेहाना जब्बारी को शनिवार को फांसी दे दी। उन पर ईरान के एक खुफिया अधिकारी की चाकू मारकर हत्या करने का आरोप था। बताया जाता है कि अधिकारी ने उनके साथ रेप की कोशिश की थी, और आत्मरक्षा में उन्होंने यह कदम उठाया था।
२००७ में किया गया था अरेस्ट
रेहाना की मां शोले पाकरावान ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की कि उनकी बेटी को तेहरान जेल में फांसी दे दी गई। रेहाना को मुर्तजा अब्दोआली सरबंदी की हत्या के जुर्म में २००७ में गिरफ्तार किया गया था। तब से उन्हें कैद में रखा गया था। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, जांच के बाद रेहाना को हत्या का दोषी ठहराया गया था।
नहीं सुनी गई अपील
रेहाना की फांसी रोकने के लिए मानवाधिकार संगठनों द्वारा पिछले महीने टि्वटर और फेसबुक पर कैंपेन शुरू किया गया था। इस कैंपेन से कुछ वक्त के लिए रेहाना की फांसी टाल दी गई थी। सरकारी न्यूज एजेंसी तस्नीम पर दी गई जानकारी के मुताबिक, चूंकि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने रेहाना को माफ करने से इनकार कर दिया था, इसलिए उनकी सजा बरकरार रखी गई। यह भी बताया जा रहा है कि रेहाना, आत्मरक्षा की दलील कोर्ट में साबित नहीं कर सकीं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर