हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा पूरे राज्य में “विजयदशमी” (दशहरा) के अवसर पर “शस्त्र पूजा” का आयोजन कर सकती है। इस आयोजन में तलवार, त्रिशूल इत्यादि हथियारों के साथ बंदूक की भी पूजा की जा सकती है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसरा विजयादशमी के दिन ही राम जी ने रावण का वध किया था। ये भी मान्यता है कि, विजयादशमी के ही दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। विजयदशमी अश्विन (क्वार) महीने के शुक्ल पक्ष के दसवीं तिथि को मनायी जाती है।
भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाए जाने राम नवमी पर भाजपा ने पूरे राज्य में १५० से ज्यादा रैलियां निकाली थीं जिनमें हथियार, त्रिशूल और लाठी-डंडे से लैस लोग शामिल थे। राम नवमी के दौरान भाजपाद्वारा कुछ मुस्लिम इलाकों में निकाली गई रैली के दौरान पथराव और हिंसा भी हुई थी जिसमें कई दुकानें जला दी गई थीं। पुलिस ने हिंसा के आरोप में १० लोगों को गिरफ्तार किया था। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को हिंसा को बढ़ावा न देने को लेकर चेतावनी दी थी। भाजपा ने ममता बनर्जी के आवासवाले इलाके में भी ऐसी रैलियां आयोजित की थीं।
इस वर्ष दशहरा ३० सितंबर को है। विश्व हिंदू परिषद के नेता सचिंद्रनाथ सिंघा ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा कि, अगर ममता बनर्जी ने उन्हें शस्त्र पूजा करने की अनुमति नहीं दी तो वो कानून का सहारा लेंगे। सचिंद्रनाथ ने एचटी से कहा कि, तलवार लेकर जुलूस निकालने गैर-कानूनी नहीं है और सरकार को लाइसेंसी हथियारों के संग जुलूस निकालने पर इसके बीच नहीं आना चाहिए। पश्चिम बंगाल प्रशासन के लिए बड़े चिंता का कारण ये भी है कि, दशहरा के दो दिन बाद ही एक अक्टूबर को मुहर्रम है जिसमें शिया मुसलमान ताजिया जुलूस निकालते हैं। वर्ष २०१६ में पश्चिम बंगाल में विजयदशमी और मुहर्रम के मौके पर कम क्षमतावाले बम धमाके हुए थे।
स्त्रोत : जनसत्ता