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श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति के २ खाली स्थानों पर वारकरियों को समाविष्ट करेंगे ! – गृहराज्यमंत्री महाराष्ट्र

शासन ने संपूर्ण मंदिर समिति ही विसर्जित कर मंदिर पूरी तरह से भक्तों के स्वाधीन करना चाहिए !

गृहमंत्री डॉ. रणजित पाटिल

मुंबई : पंढरपुर शहर का विकास करने हेतु पंढरपुर विकास प्राधिकरण स्थापन करने के पश्चात भी शहर का विकास कार्य अधूरी अवस्था में रहना तथा नदीपात्र की रेती का अवैध रूप से निकालना इस संदर्भ की लक्षवेधी सूचना राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक श्री. भारत भालके तथा अन्य सदस्यों ने १० अगस्त के दिन विधानसभा में प्रस्तुत की थी। उसे उत्तर देते समय गृहमंत्री डॉ. रणजित पाटिल ने बताया कि, ‘श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति में एक मागासवर्गीय, एक महिला तथा पदसिद्ध अधिकारी इस प्रकार की प्रतवारी कर सदस्य नियुक्त किए जाते हैं; किंतु अब खाली स्थानों पर वारकरी संप्रदाय के प्रतिनिधी नियुक्त करने का निर्णय शासन शीघ्र ही अपनानेवाला है !’

नदीपात्र की रेती अवैध रूप से निकालनेवालों पर त्वरित कार्रवाई करेंगे !

श्री. पटिल ने अवैध रूप से रेती निकालने पर निर्देश करते हुए बताया कि, पंढरपुर शहर के नदीपात्र की रेती अवैध रूप से निकालनेवालों पर कडी कार्रवाई करने के निर्देश राजस्व विभाग के पथकों को दिए जाएंगे। (रेती तस्करी करनेवाले उद्दंडता के साथ अवैध रूप से रेती निकालते हैं, इससे क्या यह समझें कि, पुलिस का प्रभाव समाप्त होने का यह लक्षण है ? शासन को राजस्व पथकों को इस प्रकार के आदेश देने की आवश्यकता ही क्यों पडती है ? क्या अधिकारियों को यह अपना कर्तव्य प्रतीत नहीं होता ? यह पहले ही क्यों नहीं किया गया ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) जिन युवकों की नदीपात्र में डुब कर मृत्यु हुई, उनके परिवार को त्वरित शासकीय आर्थिक सहायता की जाएगी।

निकृष्ट कार्य की विभागीय आयुक्तोंद्वारा जांच की जाएगी !

गृहमंत्री श्री. पाटिल ने यह आश्वासन दिया है कि, ‘यदि ‘प्री-फॅब्रिकेटेड’ प्रसाधनगृह के निर्माण कार्य का व्यय, किराएतत्त्व के व्यय की अपेक्षा अल्प होने की बात जांच में पाई गई, तो संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही स्थायी स्वरूप के शौचालयों का निर्माणकार्य करने का विचार भी किया जाएगा। उसके साथ-साथ शहर में प्राधिकरण तथा नगरोत्थान के माध्यम से पथ तथा नगर सुविधाओं का कार्य निकृष्ट श्रेणी का किया जाने के परिवाद प्रविष्ट किए गए हैं। उसकी भी जांच विभागीय आयुक्तोंद्वारा की जा रही है। उसी प्रकार अन्य निकृष्ट कार्य की भी जांच की जाएगी !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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