कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
मुख्यमंत्री पर्रीकरसे भेंट कर सनातन संस्थाके पदाधिकारियोंने समाजकंटकोको तत्काल बंदी बनानेकी मांग की !
रामनाथी (गोवा) – २२ अक्तूबर २०१४ को सवेरे ६ बजे नरकासुरकी प्रतिमावाला वाहन आश्रमके अहातेमें घुसाकर वहांके साधकोंको मारपीट करनेवाले समाजकंटकोंको तत्काल बंदी बनाने एवं उनपर कठोर कार्यवाही करनेकी मांग २४ अक्तूबर २०१४ को सनातन संस्थाद्वारा मुख्यमंत्री पर्रीकरसे भेंट कर की गई । इस अवसरपर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकरने साधकोंको हुई मारपीटकी घटनाकी ओर ध्यान देकर कहा कि वे समाजकंटकोंपर कार्यवाही करेंगे । सनातन संस्थाके व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे एवं न्यासी श्री. नितीन सहकारीने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकरसे भेंट कर उनको मारपीटकी घटना एवं समाजकंटकोंद्वारा पिछले कुछ वर्षोंमें परिसरमें उत्पन्न आतंककी जानकारी देकर उनपर कार्यवाही करनेकी मांगको लेकर निवेदन प्रस्तुत किया । इस निवेदनके साथ साधकोंको मारपीट करनेपर हुई चोटके भी छायाचित्र संलग्न किए गए हैं ।
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सनातन संस्थाद्वारा मुख्यमंत्री पर्रीकरको प्रस्तुत निवेदनमें कहा गया है कि,
२२ अक्तूबर २०१४ को सवेरे ६ बजे नरकासुर प्रतिमादहन प्रतियोगितामें सम्मिलित वरभाट, कवळेके युवकोंके समूहने आश्रमके अहातेमें नरकासुर प्रतिमाको जलाने तथा साधकोंके मनमें आतंक उत्पन्न करनेके हेतुसे आश्रमके प्रवेशद्वारके अंदर उनका जीए ०२ यू ५००४ वाहन बलपूर्वक घुसानेका प्रयास किया । उनके साथ २५ से ३० युवक थे, जिनमें कुछ युवकोके हाथमें लोहेके छड एवं लाठियां थीं । इस समूहने जानबूझकर आश्रम एवं आश्रम परिसरमें शांति भंग की । सनातनकी मानसिकताके समान कृत्य करनेवाले लोगोंका तपास कर ये समाजवंâटक पिछले कुछ वर्षोंसे उन्हें कष्ट दे रहे हैं । इसके कुछ उदाहरण नीचे दे रहे हैं…
१. सनातनकी साधिका कु. राजश्री मामलेदार २१.१०.२०१४ को रात्रि ९.४५ बजे रामनाथी आश्रमके दुपहिये वाहनसे घर जाते समय कवळे गांवसे नरकासुरकी प्रतिमावाली ट्रॉली रामनाथीकी दिशासे आ रही थी । इसलिए वह मार्गके एक बाजूसे धीरे धीरे वाहन चला रही थी; परंतु उसे देखकर इस समूहने नरकासुरकी प्रतिमावाली ट्रॉली उसके समक्ष लाकर उसके मार्गमें अडचन उत्पन्न की । किसी प्रकार वह दुपहिया वाहन आगे ले जानेका प्रयास कर रही थी; परंतु कथित गुटको यह सनातनकी साधिका है, यह ज्ञात होनेसे उसके मनमें आतंक उत्पन्न करनेके उद्देश्यसे इन युवकोंने नरकासुरकी प्रतिमावाली ट्रॉली शीघ्रतासे दार्इं ओर सरकाकर उसके वाहनके मार्गमें अडचन उत्पन्न की ।
२. एक स्थानपर चार साधक रात्रि १० बजे गाडापर जा रहे थे । इस समय मार्गपर कुछ समाजकंटकोंद्वारा नरकासुर प्रतिमा मार्गके मध्यमें खडी कर साधकोंकी गाडीको रोका गया । अनेक बार विनती करनेपर भी उन्होंने प्रतिमाको वहांसे नहीं हटाया । केवल सनातनके साधक रहने एवं सनातनकी मानसिकता पसंद न होनेके कारण यह कष्ट दिया जा रहा है ।
३. दिनांक २२.१०.२०१४ को सवेरे ५.४५ बजे समाजकंटकोंने सनातनके साधकोंको आश्रमके अहातेमें घुसकर मारपीट की । इसमें आश्रमके चार साधक गंभीर रूपसे घायल हो गए । अतः इन चार साधकोंको तत्काल रुग्णालयमें ले जाना पडा । इसमें एक साधकको रुग्णालयमें भर्ती किया गया है । इस गुटद्वारा सनातन आश्रमके अनेक वस्तुओंकी तोडफोड की गई । प्रवेशद्वारके पास लगाया गया १५ वैटका सीएफएल् दिया एवं अनेक वृक्षोंकी कुंडियां समाजकंटकोंने फोडीं ।
४. साधकोंको मारपीट करनेवाले समाजकंटकोंको ढूंढने हेतु फोंडा पुलिसद्वारा २३ अक् तूबरको सायं ५.४५ बजे कुछ संदिग्धोंको पूलिस थानेमें आमंत्रित करनेपर समाजकंटकोंने उनके सहयोगियोंके साथ पुलिस थानेमें झुंडशाही की । परिणामस्वरुप संदिग्धोंकी पूछताछ किए बिना ही उन्हें छोड दिया गया । इसी गुटने वरभाट, कवळेमें आकर रात्रि ११ बजे लगभग १०० से १५० लोगोंका समूह एकत्रित कर आश्रमके सामने दो बार फेरियां की ।
५. अपशब्द कहना, धमकियां देना, अश्लील बोलना तथा आश्रमपर पथराव करना आरंभ करनेका २३ अक्टूबर २०१४ हा १८०० वां दिन (४ वर्ष ३४० वां दिन) था । इस कालावधिमें अनेक बार उपर्युक् त घटनाएं हुर्इं; परंतु पुलिसने अनेकबार कथित घटनाओंकी ओर दुर्लक्ष करेनेसे समाजकंटकोंपर कोई कार्यवाही नहीं की गई । इसी कारण महिला साधकोको आश्रमके बाहर घुमना धोका बन गया है एवं समाजकंटकोंद्वारा बडे आक्रमण हो रहे हैं ।
सनातन संस्थाकी मानसिकता समान कृत्य करनेवाला एक बडा वर्ग समाजमें हैं । उनको लक्ष्य कर उनके मनमें आतंक उत्पन् न करनेका निरंतर प्रयास किया जा रहा है । इसलिए समाजकंटकोंपर स्थायी रूपसे धाक जमाकर उनके ये कृत्य बंद होने हेतु सनातन संस्थाकी आगे दिए नुसार विनंती है । सनातन संस्थाके आश्रमपर आक्रमण करनेवाले अपराधियोंको तत्काल बंदी बनाकर उनपर उचित वैधानिक कार्यवाही करें ।
पिछले अनेक वर्षोंसे सनातनके आश्रमके सामनेसे शोरगुल कर जाते हुए आश्रमके साधकोंके मनमें आतंक उत्पन् न करनेवाले समाजकंटकोंके विरोधमें अनेक परिवाद प्रविष्ट किए गए हैं; परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई । पुलिसने सभी अपराधियोंको पहचान लिया है; परंतु किसीके दबावकी आडमें पुलिस कार्यवाही करनेमें टोलमटोल कर रही है । इसलिए इस बातपर गंभीरतासे ध्यान देका किसीके भी दबावमें आए बिना अपराधियोंके विरोधमें कठोर कार्यवाही करें । तथा सनातनके आश्रमको पुलिस संरक्षण दिया जाए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात