ब्रिटेन में स्थित मंदिरों में ऐसे नये नोटों के उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई है। इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने बयान जारी कर कहा है कि, बीफ फैट के बदले पाम ऑयल का उपयोग पर्यावरण से जुड़े खतरे को जन्म देगा। बैंक के अनुसार, नोट छापने के नये तरीके को अपनाने पर बैंक ऑफ इंग्लैंड को १० वर्षों में १६.५ मिलियन पाउंड खर्च करना पड़ेगा।
बैंक के इस निर्णय का अर्थ है कि, इस वर्ष ५ पाउंड और १० पाउंड के नोट की छपाई जारी रहेगी। यहीं नहीं २०२० में जारी की जाने वाली २० पाउंड का नोट भी बीफ फैट का उपयोग कर ही छापा जाएगा। बैंक ऑफ इंग्लैंड के इस निर्णय पर तकरीबन ३ हजार ५५४ लोगों ने राय दी इनमें से ८८ प्रतिशत लोग नोट में बीफ फैट के उपयोग के विरोध में थे, जबकि ४८ प्रतिशत लोग पाम ऑयल उपयोग करने के विरोध में थे। रिपोर्ट के अनुसार, जानवरों की चर्बी युक्त प्लास्टिक का उपयोग डेबिट कार्डस, क्रेडिट कार्ड्स, मोबाइल फोन, कॉस्मेटिक्स, साबुन, और घरों में उपयोग किये जानेवाले डिटरजेंट बोतल और कार पार्टस में भी किया जाता है।
स्त्रोत : जनसत्ता