हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान’ !
• हिन्दू जनजागृति समिति का पुणे पालिका प्रशासन को आवाहन
• महापौर मुक्ता टिळक को प्रस्तुत किया गया ज्ञापन
• शाडु मिट्ठी की श्री गणेशमुर्तियों को प्रोत्साहन देने का महापौरों का आश्वासन; किंतु कृत्रिम कुंड तथा अमोनियम बायकार्बोनेट जैसे अशास्त्रीय पर्यायों का उपयोग करने पर अटल
पुणे : हिन्दू जनजागृति समिति के शिष्टमंडल ने ५ अगस्त के दिन महापौर श्रीमती मुक्ता टिळक से भेंट की। उस समय अपना उद्देश्य बताते हुए शिष्टमंडल ने कहा कि, ‘गणेशोत्सव में प्रविष्ट हुए अनाचार दूर हो तथा उत्सव धर्मशास्त्रीय दृष्टि से मनाया जाए, इस उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा प्रतिवर्ष ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान’ आयोजित किया जाता है। पालिका प्रशासन ने भी उसके लिए सहकार्य कर कृत्रिम कुंड तथा अमोनियम बायकार्बोनेट के समान विसर्जन के अशास्त्रीय प्रकारों को दूर रखकर श्री गणेशमुर्ति का धर्मशास्त्रानुसार बहते पानी में विसर्जन करने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए !’
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले, श्री. चैतन्य तागडे, डॉ. ज्योती काळे के साथ-साथ समर्थभक्त पू. सुनील चिंचोलकर भी उपस्थित थे। उस समय महापौर ने कहा कि, ‘शाडु मिट्ठी की श्री गणेशमूर्ति को पालिका स्तर पर प्रोत्साहन दिया जाएगा !’ किंतु उसके साथ-साथ महापौर श्रीमती मुक्ता टिळक ने कृत्रिम कुंड तथा अमोनियम बायकार्बोनेट का उपयोग जैसे अशास्त्रीय प्रकारों का समर्थन भी किया ! (गणेशभक्तों की यह अपेक्षा है कि, कथित पर्यावरणवादियों के अवैज्ञानिक प्रचार का शिकार होने की अपेक्षा पालिका प्रशासन ने शास्त्र तथा विज्ञान के संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त कर उचित निर्णय अपनाना चाहिए। – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
समर्थभक्त पू. सुनील चिंचोलकर ने कुंड की श्री गणेशमूर्ति ट्रक, कुढ़े-कचरे के डंपर से परिवहन करते समय, साथ ही उसे विसर्जित करते समय मूर्तियों की अवहेलना होती है। श्री गणेशमुर्ति के अवयव भंग होकर उसका अनादर होता है। इस बात की ओर महापौर का ध्यान आकर्षित किया। उस समय श्रीमती मुक्ता टिळक ने यह आश्वासन दिया कि, ‘कुंड में विसर्जन की गई श्री गणेशमूर्ति का अनादर नहीं किया जाएगा, इस बात की ओर ध्यान दिया जाएगा !’
शाडु मिट्ठी की श्री गणेशमुर्ति के विसर्जन के कारण नदी पात्र मिट्ठी से भर जाता है ?
कृत्रिम कुंड की संकल्पना की हानि बताने के पश्चात भी महापौर श्रीमती मुक्ता टिळक कृत्रिम कुंड के उपयोग पर दृढ थी ! उसके विपरित उन्होंने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए बताया कि, शाडु मिट्ठी की श्री गणेशमूर्ति का भी कृत्रिम कुंड में ही विसर्जन करना चाहिए ! मेरा यह अनुमान है कि, श्री गणेशमुर्ति के विसर्जन के कारण नदीपात्र अधिक मिट्ठी से भर जाता है !’ (हमारी यह अपेक्षा है कि, निसर्गनिर्मित घटकों के कारण प्रदूषण नहीं होता। श्री गणेशउत्सव में किसी भी शास्त्रीय प्रमाण के बिना मत सिद्ध करने का अतार्किक प्रयास शासकीय तथा प्रशासकीय स्तर पर नहीं होना चाहिए। अन्यत्र कारखानों का रसायन युक्त पानी, गंदा पानी प्रतिदिन लक्षावधी लिटर की मात्रा में नदी में छोड़ा जाता है। उसके विरोध में एक भी अक्षर निकालने की अपेक्षा केवल गणेशोत्सव के समय जलप्रदूषण का भय निर्माण करनेवालों के प्रयासों का गणेशभक्त शिकार न बनें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से केवल गणेशभक्तों के सहकार्य से गणेशोत्सव का तथा विसर्जन का धर्मशास्त्र श्रद्धालुओं को बताने का प्रबोधन अभियान व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात