कार्तिक शुक्लपक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
दमिश्क – सीरिया में आईएसआईएस क्रूरता की किस हद तक पहुंच चुका है, एक नए वीडियो से इसका पता चलता है। इसमें इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले शहर रक्का में जहां-तहां सीरियाई सैनिकों के शव पड़े दिखाई देते हैं। इनमें से कई का सिर कटा हुआ है तो किसी की लाश रेलिंग पर लटकाई गई है। खास बात यह है कि शहर की महिलाएं, बच्चे और अन्य नागरिक इन चीजों के इतने आदी हो चुके हैं कि वे शवों के पास से बिना झिझक आते-जाते दिखाई देते हैं।
ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट डेली मेल के अनुसार, यह वीडियो जुलाई में फिल्माया गया है। शहर के कई हिस्सों में आईएसआईएस के धर्मगुरु, बच्चों और युवाओं से संगठन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। एक स्थानीय नागरिक के अनुसार, रक्का के लोगों में आईएसआईएस का डर है। लोगों को खून-खराबे से नफरत है, लेकिन आतंकियों के डर से वे कुछ नहीं बोल पाते। वीडियो बनाने वाले शख्स ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर डेली मेल को बताया, “यह संभव है वीडियो सार्वजनिक करने के जुर्म में आईएसआईएस उसकी भी हत्या कर दे।”
इराक में क्लोरीन गैस हमले की जांच कर रहा है अमेरिका
अमेरिका, इराक में सरकारी सैनिकों पर कथित क्लोरीन गैस हमलों की खबरों का पता लगा रहा है। अमेरिकी रक्षामंत्री जॉन कैरी ने कोरिया के रक्षामंत्री से मुलाकात के मौके पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि इराक में सरकारी सैनिकों पर आंतकवादियों ने पिछले महीने क्लोरीन गैस से हमला किया गया था। कैरी ने कहा कि इन खबरों की सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह आरोप बेहद गंभीर है इसलिए इसका सच जानना बहुत जरूरी है।
वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबरों के अनुसार, इराक में पिछले महीने आतंकवादी हमले में घायल हुए। 11 पुलिसकर्मियों की अस्पताल में की गई। जांच के दौरान उनमें क्लोरीन गैस की विषाक्तता से प्रभावित होने के लक्षण पाए गए।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर