त्रिलोकपुरी हिंसा : मोबाइल वीडियो से पुलिस ने पकड़ा धर्मांध दंगाई

कार्तिक शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६

नर्इ देहली – पुलिस ने बुधवार को त्रिलोकपुरी हिंसा में संलिप्त एक और दंगाई को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान एक सेलफोन पर बनाए गए वीडियो से हुई है। पुलिस का दावा है कि उस मुस्लिम युवक को वीडियो में पथराव और दंगा भड़काते हुए दिखाया गया है।

पुलिस अब तक 51 लोगों को हिंसा फैलाने के लिए गिरफ्तार कर चुकी है। इस हिंसा में लगभग 13 लोग जख्मी हो गए थे, जिनमें से 8 को बंदूक की गोलियों के घाव हैं।

कई आरोपित दंगाईयों की पहचान पुलिस ने उन वीडियो से की जो दंगे के समय मोबाइल से बनाए गए थे। पुलिस का कहना है कि वो अन्य वीडियो क्लिप्स की जांच कर रही है और उसके पास आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

स्त्रोत : अमर उजाला


अद्ययावत


२९ अक्टूबर २०१४, कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

त्रिलोकपुरी हिंसा : पुलिस को है ‘उस’ धर्मांध बाप-बेटे की तलाश

राजधानी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में दो समुदायो के बीच भड़की हिंसा के मामले में पुलिस को एक बाप-बेटे की तलाश है। पुलिस को शक है कि इलाके में सांप्रदायिक तनाव के लिए ये दोनों असली जिम्मेदार हैं।

पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद से ही मोमीन सलमानी और उसका 28 साल का बेटा तारिक घर से फरार है। दोनों इलाके के नामी अपराधी हैं। दोनों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला।

हालांकि अब तक दिल्ली पुलिस ने शांति भंग करने आरोप में तीन एफआईआर दर्ज की हैं और करीब 60 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

बता दें कि तारिक को पुलिस क्राइम ब्रांच ने आखिरी बार 2012 में गिरफ्तार किया था। इसके पहले वह रॉबरी, आर्म्स एक्ट, सरकारी कर्मचारी से बदसलूकी, छिनैती समेत कई मामलों में भी आरोपी बनाया जा चुका है।

पब्लिक टॉयलेट की वजह से शुरु हुर्इ बहस !

मेल टुडे के अनुसार, त्रिलोकपुरी इलाके में फैली अशांति और हालात पर काबू पाने के बाद पूर्वी दिल्ली की जिला निरीक्षण शाखा ने जांच शुरू की और त्रिलोकपुरी ब्लॉक 20 के सभी स्‍थानीय लोगों के बयान रिकॉर्ड किए।

इस तफ्तीश के बाद पुलिस ने पाया कि पूरा मामला एक सरकारी प्लॉट पर कब्जा करने को लेकर शुरू हुआ था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि कुछ महीनों पहले एक सरकार एजेंसी ने इलाके में बने पब्लिक टॉयलेट को गिरा दिया था। इसके बाद लोगों ने वहां कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया।

कुछ दिनों बाद स्‍थानीय लोगों ने उसकी सफाई करके वहां बैठने के लिए एक चबूतरा बनाने का निर्णय लिया लेकिन मोमीन ने इसका विरोध किया और पूरे इलाके में हंगामा खड़ा कर दिया।

स्‍थानीय लोगों ने बताया कि मोमीन की नजर उस सरकारी जगह पर थी और वह उसे हड़पना चाहता था, लेकिन जब उसे यह पूरा होता नजर नहीं तो उसने बवाल शुरू कर दिया।

दिवाली की रात मिल गया मौका

हालांकि उस समय दोनों समुदायों के कुछ बड़े लोगों ने सबके बीच समझौता कराकर मामला रफादफा कर दिया था। कुछ ही दिनों बाद उस जगह पर एक पक्ष के लोगों ने नवरात्रि पर अच्छे से सफाई करके अस्‍थाई पूजा पंडाल बना दिया।

इस वजह से मोमीन को एक बार फिर बवाल करने का मौका मिल गया और उसने ‌हंगामा शुरू कर दिया, लेकिन तब भी बड़ों ने आगे आकर मामला ठंडा करा दिया।

इसके बाद से ही मौके की तलाश में जुटे मोमीन को दिवाली की रात दो पक्षों के बीच कहासुनी की बात पता चली तो उसने अफवाहों के जरिए इसे हवा दे दी। आरोप है कि उसने अपने बेटे के साथ मिलकर पूरे इलाके में अफवा‌हें फैलाईं जिसके बाद दोनों समुदायों के लोग सड़क पर उतर आए।

स्त्रोत : अमर उजाला


२९ अक्टूबर २०१४, कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

दिल्‍ली : दंगा रोकने के लिए हुई ड्रोन से निगरानी, छतों पर दिखे हथियार, ईटें और बोतलें

त्रिलोकपुरी – दिल्ली पुलिस ने त्रिलोकपुरी के दंगा प्रभावित ब्लॉकों में ड्रोन की मदद से छतों के ऊपर छिपाकर रखी गईं ईंटें, तलवारें, चाकू और बोतलें आदि बरामद कीं। पुलिस ने कुछ मकानों की छत से ट्यूबलाइटें भी बरामद कीं। पुलिस की घोषणा के बाद लोगों ने खुद ही अपनी छत पर रखे ईंट-पत्थर नीचे फेंक दिए। इसके बाद पुलिस ने केस प्रॉपर्टी के रूप में उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने इलाके के पांच घोषित अपराधियों को भी अरेस्ट कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इनके घरों से भी पुलिस ने हथियार आदि बरामद किए।

पुलिस ने मंगलवार को त्रिलोकपुरी के संवेदनशील ब्लॉकों में सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस ने इस ऑपरेशन को ड्रोन की मदद से अंजाम दिया। पुलिस ने संवेदनशील ब्लॉक में पहुंचकर सबसे पहले ऐसे मकान को खोजा जिसकी ऊंचाई अन्य मकानों से ज्यादा है। इसके बाद इस मकान की छत पर पहुंचकर ड्रोन को उड़ाया गया। ड्रोन की मदद से पुलिस को पता चल गया कि किस मकान की छत पर ईंटें, पत्थर, खाली बोतलें और ट्यूबलाइटें आदि छिपाकर रखी हुई हैं।

मकान का पता चलते ही पुलिस वालों ने वहां पहुंचकर सारा सामान कब्जे में ले लिया। इस दौरान पुलिस को वहां से तलवार और चाकू आदि भी मिले। पुलिस ने उन्हें भी कब्जे में ले लिया। जैसे ही लोगों को पता चला कि पुलिस ड्रोन की मदद से पता लगा रही है कि किस मकान की छत पर ईंटें आदि छिपाई हुई हैं, लोगों ने खुद ही उन्हें नीचे फेंकना शुरू कर दिया। पुलिस उन ईंटों और पत्थरों को उठाकर बोरी में भरती रही।

जॉइंट सीपी संजय बेनीवाल ने बताया कि पुलिस ने अलग-अलग ब्लॉकों से 500 ईंटों के अलावा, 70 बैग ईंट पत्थर, तीन बैग बोतल और भारी मात्रा में ट्यूबलाइटें जब्त कीं। पुलिस को कुछ मकानों की छत से तलवारें, कृपाण, चाकू और लाठियां आदि भी बरामद हुई हैं। लोगों ने ईंटें तोड़ने के लिए अपनी छतों पर हथौड़ी आदि भी रखी हुई थी जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स


२८ अक्टूबर २०१४, कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६

VIP सुरक्षा में लगे ‌अधिकारी की गलती पकड़ाई

नर्इ देहली –  एक ओर दिल्ली त्रिलोकपुरी दंगे से जूझ रही है वहीं वीवीआईपी इलाके संसद भवन की सुरक्षा में ऐसी खामी सामने आई जो चौंका देने वाली है। बेहद संवेदनशील मामले में गलती करने वाले एक सीनियर अधिकारी हैं जो इसे छिपाने की कोशिश में पकड़े गए हैं।

असल में संसद की सुरक्षा में लगे एक अधिकारी ने अपना वॉकी-टॉकी खो दिया। यह सुरक्षा अधिकारियों का ऐसा यंत्र होता है जिसपर गोपनीय जानकारियों का आदान-प्रदान किया जाता है।

संसद भवन इलाके की सुरक्षा में लगे असिस्टेंट डायरेक्टर अजय कुमार ठाकुर ने 24 अक्टूबर को अपना वॉकी-टॉकी खो दिया। लेकिन उन्होंने इस गुमशुदगी की जानकारी किसी को नहीं दी।

सुरक्षा जांच में लगी दूसरी एजेंसियां और एसपीजी जब अपने स्तर पर सुरक्षा घेरे की जांच कर रही थी तो उन्हें यह संवेदनशील यंत्र पड़ा हुआ मिला। तुरंत ही इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।

पुलिस के पूछे जाने पर संसद भवन की सुरक्षा में लगी एजेंसी ने जब सारे वॉकी-टॉकी का रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि अजय कुमार ठाकुर का वॉकी-टॉकी लापता है।

स्त्रोत : अमर उजाला


२८ अक्टूबर २०१४, कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६

जानिए त्रिलोकपुरी में कर्फ्यू जैसे हालात की वजहें !

राजधानी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में भड़की ‌हिंसा के बाद पांचवें दिन कर्फ्यू जैसे हालात बन गए हैं। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

दिवाली पर जब पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा था और पटाखे छोड़े जा रहे थे तब राजधानी के इस इलाके में पथराव हो रहा था और शराब की बोतलें फेंकी जा रही थीं। देखते ही देखते मामला सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गया।

दिल्ली में भड़की इस हिंसा का साइड इफेक्ट यह हुआ कि आम लोगों का जीवन तबाह हो गया। खाने-पीने की चीजों के दाम दो से तीन गुना बढ़ गए तो वहीं, घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया।

देर रात पुलिस पर किया पथराव

सोमवार को प्रशासन ने किसी के भी घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। इससे कर्फ्यू लगने का भी अंदेशा जताया जा रहा था हालांकि बाद में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इससे इंकार कर दिया।

दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों की धरपकड़ जारी है इस वजह से आम लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगाई गई है।

लोगों के घर से बाहर निकलने पर ज्यादा समस्या हो सकती है और हिंसा भड़कने की भी संभावना बढ़ जाती है, इसलिए ऐसा किया गया है। बता दें कि रविवार रात को गश्त के दौरान पुलिस टीम पर कुछ लोगों ने पथराव किया था।

एक महीने पहले से सुलग रही थी चिंगारी

त्रिलोकपुरी और उसके आसपास के इलाके में भड़की ‌हिंसा की असली वजह क्या है यह किसी को नहीं पता। अफवाहों के चलते बिगड़ता गया। हालांकि यह कहा जा रहा है कि शनिवार को भड़की हिंसा की चिंगारी करीब एक महीने पहले से ही सुलग रही थी।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नवरात्रि के मौके पर कचरा डालने वाले स्‍थान को साफ करके वहां पूजा स्‍थल बना दिया गया था। एक युवक ने बताया कि स्वच्छ भारत ‌अ‌भियान के तहत इस जगह की सफाई हुई थी और रात्रि जागरण के लिए यहां पंडाल बनाया गया था।

इस काम का दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि पूजा स्‍थल बनाकर उन्हें वहां पर कूड़ा फेंकने से रोका जा रहा है। हालांकि इस बारे में कई बार मामूली बातचीत ही हुई लेकिन भी किसी तरह से भी विवाद नहीं बढ़ने दिया गया। हालांकि 10 दिन बाद जब पंडाल नहीं हटाया गया तो एक बार फिर दोनों पक्ष भिड़ गए।

नहीं मिल रहा राशन, तीन गुना हुआ दाम

इलाके में कुछ दुकानों को छोड़कर अब तक सारी दुकाने बंद हैं। इन दुकानों में हर सामान की कीमत दो से तीन गुना बढ़ा दी गई है। आलू 80 रुपए किलो मिल रहा है तो प्याज 120 रुपए किलो। पांच रुपए में बिकने वाले कुरकुरे स्नैक्स भी अब 15 रुपए में मिल रहे हैं।

आमतौर पर 38 रुपए में मिलने वाला दूध का पैकेट 70 रुपए में मिल रहा है जबकि पीने के पानी की कीमत 60 रुपए प्रति बोतल हो गई है।

हिंसा की आग ने महंगाई को भी हवा दे दी और बच्चों को दूध कि जगह पानी पिलाया जा रहा है।

घर छोड़कर भागने लगे लोग

हिंसा की घटनाओं से डरे बहुत से लोगों ने घर छोड़ना शुरू कर दिया है। बहुत से लोगों ने दूसरे शहरों में अपने रिश्तेदारों और परिचितों के घर शरण लेना शुरू कर दिया है।

ब्लॉक 27 में रहने वाली एक महिला ने बताया कि इस हिंसा में उनकी दुकान जला दी गई है। घटना के वक्त पूरा परिवार एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए बाहर गए हुए थे। पड़ोसियों ने उन्हें फोन करके उन्हें इसकी सूचना दी।

महिला के पिता ने बताया कि वह मयूर विहार थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए गए लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और अगले दिन आने की बात कहकर टरका दिया।

स्त्रोत : अमर उजाला


कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६

त्रिलोकपुरी दंगा : फिर बिगड़े हालात, कुछ इलाकों में क‌र्फ्यू

नई दिल्ली – राजधानी के मयूर विहार के त्रिलोकपुरी इलाके में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। हालात बिगड़ने के बाद यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। प्रभावित इलाकों में क‌र्फ्यू लगा दिया गया है। इसके अलावा मीडिया को भी प्रभावित क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया है।

दरअसल त्रिलोकपुरी में दीवाली की रात शुरू हुए सांप्रदायिक तनाव ने शांति के बाद एक बार फिर हालात बिगाड़ दिए हैं। यहां तीन दिनों के हंगामे के बाद चौथे दिन शांति रही थी। लेकिन सोमवार को फिर से ये मामला तूल पकड़ने लगा और हालात बिगड़ते चले गए। फिलहाल दिल्ली पुलिस ने हालात से निपटने के लिए पूरे इलाके की नाकाबंदी कर दी है। किसी को भी प्रभावित क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

गौरतलब है कि शुक्रवार रात 20 ब्लॉक में पथराव के बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाया और करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन शनिवार तड़के कुछ असामाजिक तत्वों ने एक कपड़े के शोरूम में आग लगा दी थी। जिसके के बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ता ही गया।

स्त्रोत : दैनिक जागरण


२६ अक्टूबर २०१४ कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६

त्रिलोकपुरी में दिवाली कार्यक्रम के विरोध से प्रारंभ हुआ हिन्दू-मुस्लिम समुदायों में दंगा

नर्इ देहली : मयूर विहार के त्रिलोकपुरी इलाके में दो समुदायों के बीच तीन दिनों से चल रही हिंसा के बाद शनिवार शाम इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स और भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। धारा 144 लागू होने के बाद इलाके में कर्फ्यू जैसा माहौल है। बीते तीन दिनों से चल रही हिंसा में 13 पुलिसकर्मियों के अलावा तीन दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं। इनमें से पांच लोग गोली लगने से घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक दोनों समुदाय के दस लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 60 लोगों को हिरासत में लिया गया है।‘इंडिया टूडे’ के वृत्त के अनुसार यह हिंसा हिन्दू तथा मुस्लिम समुदायों में हुर्इ ।

पुलिस के अनुसार गुरुवार की शाम झगड़े की शुरुआत एक कहासुनी से शुरू हुई थी। यहां बी-ब्लॉक के एक पार्क में एक समुदाय के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान पार्क में ही दूसरे समुदाय के कुछ युवक शराब पी रहे थे। लोगों ने मना किया तो वे झगड़े पर उतारू हो गए। कुछ ही घंटों में झगड़े का स्वरूप बदल गया और दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया लेकिन शुक्रवार रात एक समुदाय की तरफ से गोली चलने के बाद फिर झगड़ा शुरू हो गया। पुलिस ने शुक्रवार को रैपिड एक्शन फोर्स ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े और देर रात भीड़ को तितर-बितर करके हालात पर काबू पाया गया। मामले में दस लोगों को गिरफ्तार भी किया। वहीं शनिवार की सुबह हालात फिर से बिगड़ने लगे।

पुलिस के मुताबिक शनिवार की सुबह कुछ लोगों ने त्रिलोकपुरी के 20 ब्लॉक में स्थित एक कपड़े की दुकान में आग लगा दी। पुलिस व दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। पूरे ब्लॉक में पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। दोपहर लगभग 12 बजे तक हालात काबू में रहे, लेकिन तब तक त्रिलोकपुरी के अन्य ब्लॉकों जैसे 26,27,15 व 16 में अफवाहें फैलने की सूचना से एक बार फिर लोगों के बीच पथराव शुरू हो गए।

पुलिस को इन ब्लॉकों में पथराव की सूचना मिली तो तत्काल वहां भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इन ब्लॉकों में हो रहे पथराव और एलपीजी सिलेंडर से आगजनी की कोशिश कर रहे लोग मौके से भाग खड़े हुए। पूर्वी जिले की पुलिस ने सक्रियता बढ़ाते हुए अधिकतर थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया। देर शाम बिगड़ते हालातों को ध्यान में रखकर तत्काल पूरे त्रिलोकपुरी इलाके में धारा 144 लागू करने के आदेश दिए गए। वरिष्ठ अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखें। पुलिस ने लोगों को भी सलाह दी है कि वह त्रिलोकपुरी की तरफ फिलहाल न जाएं।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने त्रिलोकपुरी दंगे पर चिंता जताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने पुलिस आयुक्त भीम सेन बस्सी को पत्र लिखकर इस क्षेत्र में शांति बहाल करने का आग्रह किया।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने बताया कि दंगे के बारे में जानकारी मिलने पर पार्टी के नेताओं ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। उनसे इस पूरी घटना के बारे में जानकारी हासिल करने के साथ ही पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया गया कि वह लोगों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराएं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह ने कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि वह त्रिलोकपुरी में शांति बहाल करने के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करें।

स्त्रोत : लाइव्ह हिन्दुस्थान

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