अमरीका को यह पता चल गया किंतु भारत को अभी तक नहीं, इससे बडा दुर्भाग्य क्या हो सकता है ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
वाशिंगटन : अमेरिका द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, पाकिस्तान में सिख, ईसाई और हिन्दू जैसे अल्पसंख्यक जबरन धर्मांतरण के डर में रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि, अल्पसंख्यकों को यह चिंता भी है कि, पाकिस्तान सरकार जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठा पाती है।
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और धार्मिक आजादी को संरक्षण नहीं दिया जा रहा है।
इसके अलावा पाकिस्तान में हुक्मरानों की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठाए गए हैं। कहा गया है कि, केंद्र और राज्य सरकारों के स्तर पर हिन्दू, सिख और ईसाइयों की आजादी सुनिश्चित करने वाले कानूनों पर सही ढंग से अमल नहीं किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा कि, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों का कहना है कि, अल्पसंख्यकों को जबरन इस्लाम कबूल करवाने से रोकने में सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नही हैं। पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा है, वहां दो दर्जन से अधिक लोग ईशनिंदा के कारण या तो फांसी का इंतजार कर रहे हैं या उम्रकैद काट रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, सरकार अल्पसंख्यकों को ईंट बनाने जैसी बंधुआ मजदूरी से नहीं बचा पा रही है। ईंट बनाने और खेती से जुडे़ क्षेत्रों में ईसाई और हिन्दूओं को बंधुआ मजदूर रखा जाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि, हिन्दू और सिख नेताओं का कहना है कि, अल्पसंख्यकों को विवाह रजिस्टर कराने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
संदर्भ : जागरण