भारत में आतंकी फंडिग के आरोपों का सामना कर रहा जाकिर नार्इक ने कहा है कि, वह जिहाद का समर्थन नहीं करता है और मुस्लिम होने के वजह से भारत की एजेंसियां उसे निशाना बना रही हैं। जाकिर नार्इक ने भारत की शीर्ष जांच एजेंसियों में से एक एनआयएद्वारा इंटरपोल को भेजे गये उस निवेदन का भी विरोध किया है जिसमें एनआयए ने मांग की है कि, जाकिर नार्इक के विरोध में रेड कॉर्नर नोटिस जारी की जाए। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जाकिर नार्इक ने इंटरपोल को लिखे पत्र में कहा है कि, भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीडन किया जाता है।
बता दें जाकिर नार्इक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों के लिए लोगों को उकसाने का आरोप है। हाल में ही भारत ने जाकिर नार्इक के पासपोर्ट को रद्द कर दिया है। और भारत से फरार नार्इक की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
जाकिर नार्इक ने दावा किया है कि, उसके सभी भाषण शांतिपूर्ण हैं और इसमें कहीं भी जिहाद को बढ़ावा देने की बात नहीं कही गई है। इस बीच एनआयए ने इंटरपोल को बता दिया है कि, भारत ने नार्इक का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। खबरों के अनुसार, इंटरपोल ने भी सउदी अरब समेत अपने सभी सदस्य देशों को इस बात की जानकारी दे दी है। कयास लगाया जा रहा है कि, जाकिर नार्इक इस समय मलेशिया में रहता है।
जाकिर नार्इक ने इंटरपोल को लिखे अपने पत्र में कहा है कि, वो पिछले २५ सालों से इस्लाम पर तकरीरें देता रहा है। उसने विश्व के कई देशों में भाषण दिये हैं। जाकिर नार्इक का दावा है कि, हर देश में उसका स्वागत किया गया और उसे सम्मान मिला। जाकिर का आरोप है कि, उसके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को बैन कर और उसे इस्लाम पर भाषण देने से रोक कर उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया जा रहा है। जाकिर नार्इक का कहना है कि, अगर रेड कॉर्नर नोटिस के कारण से उसे किसी विदेशी एजेंसी गिरफ्तार कर लेती है और फिर उसका भारत प्रत्यर्पण कर दिया जाता है तो उसपर भारतीय जेलों के अंदर अत्याचार भी हो सकता है। इस बीच एनआयए को ये भी पता चला है कि, जाकिर नार्इक ने जापान में भी ४ मार्च २०१६ को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की एक शाखा खोल ली है !
स्त्रोत : जनसत्ता