गणेशोत्सव मंडलों में चीनी वस्तुओं का क्रय न करने के संदर्भ में प्रबोधनात्मक फलक लगाए जाएं ! – श्रीमती रोहिणी तडवळकर, भूतपूर्व नगरसेविका
सोलापुर : गणेशोत्सव तथा दिपावली की कालावधि में चीनी वस्तुओं का क्रय न कर भारतीय वस्तुओं का आग्रह करना चाहिए। चीन को पाठ पढाने का यह अवसर है ! गणेशोत्सव मंडलोंद्वारा भी चीनी वस्तुओं का क्रय न करें, ऐसे प्रबोधनात्मक फलक लगाए जाने चाहिए। इससे भारतीयों का प्रबोधन होगा। यहां की भूतपूर्व नगरसेविका श्रीमती रोहिणी तडवळकर ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे यहां रणरागिणी शाखा की ओर से १६ अगस्त को आयोजित आंदोलन को संबोधित कर रहीं थीं। तदुपरांत तहसिलदार (महसूल) श्रीमती शीतल भामरे-मुळे को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी मन की बात कार्यक्रमद्वारा छात्रों को दुकानों में स्वदेशी उत्पादों की मांग करने का आग्रह करें’ ऐसी मांग रणरागिणी शाखा की ओर से की गई।
भारतीयों को ‘कुत्ता’ कहनेवाले चीन को रणरागिणीद्वारा चेतावनी ! – कु. गायत्री अक्कलकोटे, छात्रा
पिछले कुछ माह से भारत अणुपूर्ति गुट में (एन.एस.जी.) सम्मिलित होने के लिए प्रयास कर रहा है; परंतु इस में चीन देश अडचनें उत्पन्न कर रहा है। चीन देश ने ही शत्रूराष्ट्र पाकिस्तान को इस गुट में सम्मिलित करने में सहायता की है। इसलिए चीन अपना शत्रु है अथवा मित्र यह हमें ही ठहराना है। भारतीयों को ‘कुत्ता’ कहनेवाले चीन को रणरागिणियों की ओर से मैं आव्हान करती हूं कि, ‘भारतीय शांत हैं, तो शांत ही रहने दें, अन्यथा नया इतिहास लिखने कागद नहीं बचेगा एवं उसे पढने शत्रू नहीं रहेगा !’
चीनी वस्तुओं का क्रय करना स्वयं को मृत्यु के द्वार में ढकेलने समान है ! – कु. शुभांगी सातपुते, सोलापुर
हमने चीनी वस्तुएं क्रय की, तो वह पैसा चीन में जाता है। चीन अपने विरोध मी युद्ध करने की सिद्धता में है। एक चीनी वस्तु क्रय करना भी स्वयं को मृत्यु के द्वार में ढकेलने समान है !
आंदोलन का फेसबुक लाईव्हद्वारा सीधा प्रक्षेपण किया गया। उसकेद्वारा ९ सहस्र ४२९ लोगों ने आंदोलन देखा।
क्षणिकाएं
१. वर्षा के आगमन से उपस्थित लोगों को लगा मानो वरुणदेव का आशीर्वाद मिला है !
२. आंदोलन के अवसर पर साक्षात दुर्गादेवी खडी है एवं सब महिलाएं उसके हाथ है ऐसा अनुभव हुआ !
३. आंदोलन के अवसर पर कु. इच्छा साळुंखे (वय १० वर्षे) ने मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि उसने भविष्य में चीनी वस्तुएं क्रय न करने का निश्चय किया है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात