पौष शुक्ल ११, कलियुग वर्ष ५११४
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मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने कहा, मुसलमान इस बात को पहले से कहते आए हैं कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। इसके बावजूद केवल मदरसों व मुसलमानों को ही निशाना बनाया जाता है। शिंदे से पूर्व भी कई पार्टियों के नेता ऐसे खुलासे कर चुके हैं। आरएसएस के कैंपों से अवांछित सामग्री तक बरामद हो चुकी है। सरकार दहशतगर्दी के मामले में बंद बेकसूरों को रिहा करे और आतंकवाद फैलाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे।
दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि हुकूमत की जिम्मेदारी है कि वह शिंदे की बात को गंभीरता से लेते हुए आरएसएस के ठिकानों की जांच करे।
जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह के मुफ्ती मोहम्मद अरशद फारूकी ने कहा कि आरएसएस के दहशतगर्दी फैलाने वाले मामले पूरी दुनिया से छिपे नहीं हैं। महात्मा गांधी का कातिल नाथूराम गोडसे भी आरएसएस से ताल्लुक रखता था।
स्त्रोत : जागरण