मेरठ – रसीदनगर में एक युवक ने अपने भाइयों से गोकशी का विरोध करनेपर जिहादी आरोपियों ने रात में युवक और उसके परिवार को बंधक बनाकर मारपीट की। सूचना पर पहुंची पुलिस दो आरोपियों को पकड़कर थाने ले गई। आरोप है कि, पुलिस ने बिना कार्रवाई के ही दोनों को छोड दिया। (एेसी पुलिस गोरक्षा कैसे रोकेगी – सम्पादक, हिन्दूजागृति)
लिसाडीगेट के रसीदनगर निवासी अहसान पुत्र खैराती गोरक्षक दल से जुडा है। युवक का आरोप है कि, पहले भी वह कई बार थाना पुलिस को शिकायत कर चुका है कि रात में उसके भाई और अन्य लोग घर में लाकर गोवंश का कटान करते हैं। इसके बाद दिन निकलने से पहले ही मीट को तराजू में तोलकर भैंस का बताकर बेच देते हैं। आरोप है कि सोमवार रात उसके तीन भाई घर में एक गोवंश का कटान कर रहे थे। उसने मौके पर पहुंचकर विरोध किया तो आरोपियों ने बंधक बनाकर कमरे में मारपीट की। बचाव में आई अहसान की पत्नी और सास को भी पीटा। इसके बाद आरोपियों ने मीट को मौके से हटा दिया। सूचना के बाद भी लिसाड़ीगेट थाने की पुलिस आधा घंटे तक नहीं पहुंची। बाद में यूपी १०० की गाड़ी दो आरोपियों को थाने ले गई। वहीं पुलिस ने रात में घायलों का मेडिकल कराने से इंकार कर दिया।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि जब वह मंगलवार को थाने पहुंचा तो पुलिस ने फटकार लगाई और चुप रहने को कहा। इसके बाद हिरासत में लिए दोनों आरोपियों को भी छोड दिया। अहसान ने थाना पुलिस पर मिली भगत का आरोप लगाकर भाजपा नेता डॉ. चरण सिंह लिसाड़ी से शिकायत कर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। एसओ लिसाड़ीगेट का कहना है कि पूरे मामले में जांच की जा रही है। तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को दिए थे सबूत
पीड़ित का आरोप है कि बीस दिन पहले उसने अपने मोबाइल से आरोपियों द्वारा गोवंश कटान करते समय फोटो खींचे थे, जिसको उसने पुलिस को दिए थे। इस पर एक सिपाही ने पीड़ित को ही जेल भेजने की धमकी देते हुए फोटो डिलीट कर दिए।
मामला संज्ञान में नहीं है। यदि थाना पुलिस ने साठगांठ कर आरोपियों को छोड़ा है तो पीड़ित से पूरे मामले में जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी।
स्त्रोत : अमर उजाला