इलाहाबाद : पुलिस ने गुरुवार को एक इनामी शातिर अपराधी आफताब उर्फ नाटे को गिरफ्तार किया। ये पिछले ३२ वर्ष से पुलिस और सामान्य जनता की आंखों में धूल झोंककर मौलवी के रूप में छुपकर घूम रहा था। यही नहीं, इस दौरान इसने ट्रिपल तलाक की पीड़ित मुस्लिम महिलाओं का हलाला के नाम पर यौन शोषण भी किया। तमिल फिल्म में एक्टिंग कर चुके एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनिरुद्ध सिंह ने एडीजी इलाहाबाद एसवी सावंत की अगुवाई में आफताब गिरफ्तार किया।
आफताब पर इलाहाबाद पुलिस ने १२ हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा के अनुसार नाटे १९८५ से फरार चल रहा था।
वह नाम बदलकर मौलाना करीम के नाम से घूम रहा था। वो मुंबई, सूरत, अजमेर शरीफ और फर्रुखाबाद जैसे शहरों की मस्जिदों और दरगाहों में छिपता फिर रहा था। आफताब दरगाहों में आने वाले श्रद्धालुओं से कहता था कि, मैं तांत्रिक हूं, भूत-प्रेत की बाधा दूर कर सकता हूं। ऐसा बोलकर वो लोगों से पैसे ऐंठता और उन्हें गंडा-ताबीज बनाकर देता।
३९ महिलाओं की जिंदगी की बर्बाद
एसपी सिटी के अनुसार, आफताब खुद को हलाला निकाह एक्सपर्ट भी बताता था। उसने पूछताछ के दौरान झांसा देकर ३९ महिलाओं का हलाला करवाने की बात कबूल की है। उसने लोगों को धोखा तो दिया ही, साथ ही लाखों रुपए भी ऐंठे। इस धोखेबाजी के बिजनेस के लिए उसने अपना नेटवर्क तैयार किया था। ३३ वर्षों में उसने खुदको सिद्ध मौलाना बताकर दर्जन से ज्यादा शागिर्दों की टीम बनाई थी। ये शागिर्द उसके तंत्र मंत्र की विद्या का प्रचार प्रसार करते थे। मौलाना करीम के नाम से ही वह सारे गलत करता था, परंतु कहीं पर भी उसने अपना कोई ID प्रूफ नहीं बनवाया था। पुलिस से बचने के लिए वह महीने-१५ दिन में सिम कार्ड बदल देता था।
भांजी से हुई छेडछाड तो कर दिया था मर्डर
गिरफ्तार होने के बाद आफताब ने बताया, “मैं इलाहाबाद के शाहगंज थाना क्षेत्र में रहता था। १९८१ में मोहल्ले के मोहम्मद अजमत ने मेरी भांजी से छेड़खानी की थी। उसकी हरकत ने मेरे अंदर इतना गुस्सा भर दिया कि मैं अजमत के पास पहुंचा और उसे वहीं गोली से उड़ा दिया। पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया और दो वर्ष बाद १९८३ में मुझे जिला न्यायालय ने ताउम्र कारावास की सजा सुनाई। मैंने सजा के विराेध में उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की और दो वर्ष बाद १९८५ में मुझे जमानत भी मिल गई। जेल से बाहर आते ही मैं शहर से भाग गया।”
२६ एनकाउंटर कर चुके इंस्पेक्टर अनिरुद्ध सिंह ने बताया, “हमने एक महीने पहले इसकी तलाश तेज की। १५ दिन पहले खबर मिली कि, आफताब उर्फ नाटे कौशांबी एक कार्यक्रम में आ रहा है। हम वहां पहुंचे थे, परंतु वो चकमा दे कर निकल गया। हमने उसके फरवालों का फोन सर्विलांस पर रखा था, जिससे हमें पुराने साथी नवाब के बारे में पता चला। हमने उसे दबोचा। पहले उसने नाटक किया, फिर हमारी सख्ती के बाद उसने आफताब की जानकारी बताईं।
संदर्भ : दैनिक भास्कर