पौष शुक्ल १२, कलियुग वर्ष ५११४
विद्यालय, फेरीवाले तथा व्यापारियोंको प्लास्टिकके राष्ट्रध्वजका उपयोग न करनेके विषयमें पुलिसकी सूचना
|
मुंबई
– प्लास्टिकका विघटन न होनेके कारण प्लास्टिकके राष्ट्रध्वजोंका अनादर होता है । इस प्रकार हो रहा ध्वजका अनादर टालने हेतु प्लास्टिकके राष्ट्रध्वजोंकी निर्मितिपर ही सरकारने प्रतिबंध लगाया है । इस प्रकार प्लास्टिकके ध्वज बनाना अपराध है । गणतंत्र दिवसकी पृष्ठभूमिपर इन ध्वजोंका विक्रय करनेवालोंके विरोधमें ठाणेके आरक्षकोंद्वारा अभियान आरंभ किया गया है । ( गत १० वर्षोंसे हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आरंभ इस अभियानकी ओर विलंबसे ही किंतु इस बातकी ओर ध्यान देकर कृत्य करनेवाले ठाणे पुलिसकर्मियोंका आदर्श क्या देशके अन्य पुलिसकर्मी लेंगे ? – संपादक )राष्ट्रध्वजका उचित आदर न होनेके कारण ही स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवससे प्लास्टिकके ध्वज सडकोंपर, कुड़ेदानमें अथवा नालियोंमें पाए जाते हैं । प्लास्टिक शीघ्र नष्ट न होनेके कारण राष्ट्रध्वजोंका अनादर अनेक दिनोंतक अनेक स्थानोंपर विवश होकर देखना पडता है । अतः ठाणे पुलिसकर्मियोंने यह अभियान आरंभ किया है । सर्व पुलिस थानोंके प्रभारी अधिकारियोंने अपने क्षेत्रमें आनेवाले विद्यालयोंमें संपर्क कर प्लास्टिकके कारण राष्ट्रध्वजका अनादर किस प्रकार होता है, यह बताते हुए ऐसे ध्वजका उपयोग न करने हेतु सूचित किया है । ध्वज विक्रय करनेवाले, फेरीवाले तथा ध्वज-निर्मिती करनेवालोंकी एक बैठक आंमत्रित कर उन्हें प्लास्टिकके ध्वजोंकी निर्मिति न करनेकी स्पष्ट सूचना दी जाएगी । प्लास्टिकके ध्वज विक्रय करनेवालोंपर कार्यवाही करनेके लिए प्रत्येक पुलिस थानेद्वारा स्वतंत्र टुकडीकी नियुक्ति करने तथा आवश्यतानुसार छापा मारकर कार्यवाही करनेके आदेश भी दिए गए हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात