यदि कागज के लुगदे से बनी श्री गणेशमूर्तियों पर प्रतिबंध नहीं लगाया, तो ‘न्यायालय का अवमान’ होने के संदर्भ में याचिका प्रविष्ट करेंगे ! – हिन्दू जनजागृति समिति
धर्मप्रेमी श्री. ज्ञानेश्वर अस्वले ने यह नोटिस देते हुए ऐसा मत व्यक्त किया कि, पर्यावरण की रक्षा होने एवं धर्मशास्त्र सुसंगत उत्सव होने के लिय वैधानिक मार्ग से यह संघर्ष कर रहे हैं !
कोल्हापुर : न्यायालय के परिणाम से ऐसा सिद्ध हुआ कि प्रदूषण रोकने का दायित्व होते हुए भी ‘महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल’ एवं राज्य के पर्यावरण विभाग ने आधुनिकतावादी संस्थाओं के झांसे में आकर कोई अध्ययन अथवा शोध किए बिना ही कागज के लुगदे के मूर्तियों को ‘इको-फ्रेंडली’ ठहराने का षड्यंत्र किया है ! परिणाम घोषित होकर १० मास बीत गए फिर भी उन्होंने कागज के लुगदे से बनी मूर्तियों के कारण होनेवाले प्रदूषण के संदर्भ में कोई जनजागृति नहीं की। इतना ही नहीं, अपितु इस वर्ष के गणेशोत्सव के पूर्व से ही उन्होंने कागज के लुगदे से बनी मूर्तियों को प्रोत्साहन देना आरंभ किया है !
अतः हिन्दू जनजागृति समिति ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, यदि कागज के लुगदे से बनी मूर्ति पर त्वरित प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो ‘महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं पर्यावरण विभाग के विरोध में ‘न्यायालय का अवमान’ होने की याचिका प्रविष्ट करेंगे !
१६ अगस्त को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के यहां के प्रादेशिक अधिकारी श्री. दिलीप खेडेकर एवं महानगरपालिका आयुक्त श्री. अभिजित चौधरी को हिन्दू जनजागृति समिति ने वैधानिक नोटिस प्रस्तुत की है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात