चाईबासा : धर्म स्वातंत्र्य बिल को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्पष्टीकरण देते हुए बुधवार को कहा कि, बिल पूरी तरह संविधान के दायरे में है। चाईबासा के माधव सभागार में विद्या विकास समिति की ओर से आयोजित प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा, धर्मांतरण विधेयक संविधान के अनुसार लाया गया है। सबको संविधान के दायरे में रहना होगा या देश छोडकर जाना होगा।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, झारखंड में गरीबी का फायदा उठाकर धर्मांतरण का धंधा अब नहीं चलेगा तथा लालच देकर धर्मांतरण करानेवाली शक्तियों से सरकार अब सख्ती से निबटेगी !
मुख्यमंत्री ने कहा कि, लालच देकर धर्मांतरण करानेवाले की १८१ पर फोन कर सूचना दें, सरकार इस पर तत्काल ध्यान देगी !
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने देश की समस्याओं के लिए त्रुटिपूर्ण शिक्षा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र विरोधी शक्तियां हमारी शिक्षा को नष्ट कर रही हैं। ऐसी शक्तियां हर गांव में सक्रिय हैं जो ये देश को चुनौती दे रही हैं !’ उन्होने कहा कि, शिक्षा हमारी संस्कृति के अनुकूल होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि, झारखंड शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी पीछे है, परंतु साथ ही उस पिछड़ेपन से निबटने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने तीरंदाजी, फुटबॉल, हॉकी खिलाड़ियों को सरकारी सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विद्या विकास समिति के लोगों से कल्याण विभाग के विद्यालयों का संचालन करने की अपील की !
स्त्रोत : प्रभात खबर