नई देहली : बीते दिनों पाकिस्तान में जिस तरह से राजनीतिक स्तर पर बदलाव आया है उसको देखकर कहा जा सकता है कि यह किसी बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है। ऐसा कहने की एक नहीं अपितु कई बड़ी वजहें हैं। इनमें से पहली वजह नवाज शरीफ को न्यायालय से अयोग्य करार देना तो है ही इसके अलावा दूसरी वजह सत्ता को लेकर उनकी ही पार्टी में होनेवाले घमासान की आशंका भी है। इसके अलावा देश के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को न्यायालय से भगोड़ा करार देना भी एक वजह है। इन सभी के अलावा कुछ दूसरी बड़ी वजहों में देश की राजनीति में आतंकी संगठनों की मौजूदगी शामिल है, जो भविष्य में न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन जाएगी। ऐसा सिर्फ हम नहीं बल्कि पाकिस्तान की राजनीति पर निगाह रखनेवाले जानकार भी मानते हैं। विदेश मामलों के जानकार कमर आगा इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि पाकिस्तान की राजनीति में आतंकी संगठनों का आना किसी बड़े खतरे का संकेत है !
पाक की राजनीति में कट्टरपंथियों का असर अधिक
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान की राजनीति में आतंकी संगठनों या कट्टरपंथी इस्लामिक जमातों का असर पहले से अब काफी बढ़ गया है। ऐसा अब इसलिए भी कहा जा सकता है कि पिछले दिनों आतंकी हाफिज सईद ने अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाने और देश की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेने की बात कही थी। उसने अपनी पार्टी का नाम ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ रखा है।
जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है संगठन
गौरतलब है कि हाफिज सईद का आतंकी संगठन जमात-उद-दावा जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में बढ़-चढ़कर शामिल है, जिसको वह जिहाद का नाम देता आया है। हालांकि पाकिस्तान सरकार की तरफ से उसको नजरबंद करके पूरी दुनिया में उस पर कार्रवाई करने का झूठ हर बार फैलाया जाता रहा है। इस बार भी अमेरिका के कड़े रुख के बाद पाकिस्तान ने उसको हिफाजत देने के नाम पर उसको नजरबंद करने का झूठ फैलाकर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है !
नजरबंद है सईद
यहां आपको बता देना जरूरी होगा की हाफिज को ३१ जनवरी में पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने ९० दिनों तक नजरबंद रखने का फैसला किया था। यह समय सीमा २७ जुलाई को खत्म हो रही थी। इसके बाद इसी हफ्ते उसकी नजरबंदी को दो माह और बढ़ा दिया गया है। हालांकि पार्टी बनाने की घोषणा करने के बाद ही उसके समर्थकों ने उसे मुक्त कराने की भी बात सार्वजनिक तौर पर कही है। हाफिज सईद नवंबर २००८ में हुए मुंबई आतंकी हमलों के साथ ही भारत में कई हमलों की साजिश का गुनाहगार है !
उदारवादियों के बीच जगह बनाने की कवायद
पाकिस्तान के राजनीति विशेलषक इस बदलाव को कुछ और ही नाम देते हैं। हालांकि वह हाफिज सईद और उसके संगठन को कटटरपंथी जरूर मानते हैं। इन जानकारों का कहना है कि सईद ने यह राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान में उदारवादियों के बीच अपनी जगह बनाने के मकसद से तैयार की है। सईद का भी कहना है कि इस पार्टी के जरिए वह पाकिस्तान को इस्लामिक देश बनाएगा !
वैश्विक आतंकी खलील ने भी बनाई पार्टी
दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित हो चुके फजलुर रहमान खलील ने भी अपनी पॉलिटिकल पार्टी बनाने की घोषणा की है। खलील ने पाकिस्तानी मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए अपनी पार्टी का नाम इसलाह-ए-वतन बताया है। उसका आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन भी जम्मू- कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में लिप्त है। साल २०१४ में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इसका नाम अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी की सूची में डाला था। खलील १९८० में हरकतउल जिहाद उल इस्लामी नाम के संगठन को बनाने में भी शामिल था। खलील ने ओसामा बिन लादेन के पश्चिमी देशों के खिलाफ जिहादवाले फतवे पर भी हस्ताक्षर किए थे। खलील को साल २००४ में अफगानिस्तान में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकवादियों को मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद ही वह रिहा हो गया। रक्षा अधिकारी के मुताबिक खलिल ने अन्सार उल उमाह नाम का एक और संगठन बनाया लेकिन कुछ समय बाद ही संगठन बिखर गया।
जानकार की राय
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा का भी मानना है कि निकट भविष्य में पाकिस्तान की राजनीति जिस करवट बैठती दिखाई दे रही है उसमें कट्टरपंथियों की आमद बढ़ेगी और सैक्युलर पार्टियां जो भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने को इच्छुक हैं वह धीरे-धीरे हाशिए पर पहुंच जाएंगी। Jagran.Com से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अदालत पर भी कट्टरपंथी संगठन हावी होते दिखाई दे रहे हैं। आनेवाले समय में कथिततौर पर धार्मिक संगठन इसमें और सक्रिय भूमिका में सामने आते दिखाई देंगे। इनका मकसद पाकिस्तान को कट्टरपंथी इस्लामिक राष्ट्र बनाना होगा। यही वजह है कि आनेवाले समय में पाकिस्तान बेहद खतरनाक रूप इख्तियार कर लेगा। यह ठीक ऐसा ही होगा जैसा अभी उत्तर कोरिया है, जो कि पूरे विश्व के लिए काफी खतरनाक साबित होगा !
आतंकियों की राजनीति
उन्होंने साफतौर पर कहा कि जिस तर्ज पर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन अपनी पार्टी बनाकर सक्रिय राजनीति में आने की कवायद कर रहे हैं वह पूरी दुनिया के लिए बेहद चिंता का विषय है ! यह संगठन अपने ऊपर राजनीतिक पार्टी का चोगा ओढ़कर कार्रवाई से बचने की जुगत में यह सब कर रहे हैं। हालांकि भविष्य में इन राजनीतिक पार्टियों को कितनी सीटें मिलेंगी इस बारे में फिलहाल कह पाना काफी मुश्किल है। नवाज शरीफ के भविष्य पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में नवाज का भी भविष्य काफी कुछ अधर में होगा और वह हाशिये पर चले जाएंगे। वहीं दूसरी ओर देश की राजनीति में धमक देनेवाले पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ की भी वतन वापसी काफी मुश्किल है। उन्हें दो दिन पूर्व ही न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के एक मामले में भगोड़ा घोषित किया है !
धार्मिक संगठन खफा
उनकी वतन वापसी को मुश्किल मानने के पीछे उनका यह भी कहना है कि परवेज मुशर्रफ को लेकर वहां के धार्मिक संगठन काफी कुछ खफा हैं। इसकी वजह उनके शासनकाल में हुआ लाल मस्जिद पर हमला है। इसके अलावा उन पर जो मामले फिलहाल लंबित हैं उनमें उन्हें मौत की सजा तक का प्रावधान है। लिहाजा पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति आनेवाले समय में बेहद नाजुक हालात में होगी जो भारत समेत पूरे विश्व के लिए चिंता का सबब बन जाएगी !
स्त्रोत : जागरण