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श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में हो; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हाथ में फलक लेकर उद्बोधन !

  • ७वें दिन श्री गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन कर श्रद्धालुआें ने किया धर्मपालन !

  • सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा किए गए उद्बोधन का परिणाम

श्रद्धालुआें ने कृष्णा नदी में श्री गणेशमूर्ती का विसर्जन करने हेतू हाथ में फलक लेकर आवाहन करते हुए हिंदु जनजागृती समितीके कार्यकर्ते

जयसिंगपुर (जनपद कोल्हापुर, महाराष्ट्र) : श्री गणेशमूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में हो; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें ने अंकली पुल के निकट (उदगाव) कृष्णा नदी के तटपर हाथ में फलक लेकर गणेश चतुर्थी के ७वें दिन अर्थात ३१ अगस्त को श्रद्धालुआें का उद्बोधन किया । समिति द्वारा किए गए उद्बोधन के कारण अनेक श्रद्धालुआें ने मूर्तिदान न देकर मूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में करने को प्रधानता दी ।

उदगाव ग्रामपंचायत की ओर से फलक लगाकर हिन्दूधर्मशास्त्र के विरुद्ध मूर्तिदान अभियान !

उदगाव ग्रामपंचायत की ओर से नदीतटपर फलक लगाकर ‘श्री गणेशमूर्ति के विसर्जन के कारण प्रदूषण होता है; इसलिए नागरिक अपनी मूर्तियों का विसर्जन न कर उनका दान दें’, ऐसा आह्वान किया गया था । इसके कारण अनेक श्रद्धालुआें ने मूर्तियों का विसर्जन न कर उनको नदी के तटपर ही रख दिया । नदीतट के निकट ही गढ्ढे खोदे गए थे । इन गढ्ढों में मूर्तियों का विसर्जन कर उनको भरा जाएगा ।

क्षणचित्र

१. जयसिंगपुर के शाहूनगर के विभच चौक गणेशोत्सव मंडल ने श्री गणेशमूर्ति को बेडेपर रखकर उसका नदी में विसर्जन कर धर्माचरण किया ।

२. श्रीशिवप्रतिष्ठान के श्री. शंकरराव कुलकर्णी ने ‘श्रीगणेशमूर्ति के कारण प्रदूषण नहीं होता । अतः श्रद्धालु अपनी मूर्तियों का विसर्जन नदी में ही करें ।’, ऐसा श्रद्धालुआें का आह्वान किया ।

३. नदीपर विसर्जन हेतु आनेवाले अनेक लोग उत्सुकता के साथ फलकों को पढ रहे थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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