क्या है मामला . . .
‘मीट एंड लाइव्हस्टॉक ऑस्ट्रेलिया’ ने यह एड सोमवार को जारी किया। इसमें कुछ और कम्युनिटीज का रिप्रेजेंटेशन भी दिखाया गया है। एड के माध्यम से भेड़ के मांस को प्रमोट किए जाने का प्रयास कीया गया है। एड जारी होते ही इस पर विवाद शुरू हो गया। ऑस्ट्रेलिया में इस तरह के एड कंटेंट पर नजर रखनेवाली एजेंसी ‘ऑस्ट्रेलियन स्टैंडर्ड्स ब्यूरो’ इसकी जांच कर रही है।
और कौन है एड में ?
एड में भगवान गणेश को टेबल पर सबसे आगे बैठे दिखाया गया है। उनके अलावा जीसस, बुद्ध और ज्यूस भी नजर आते हैं। ये सभी डाइनिंग टेबल पर हैं। एड की टैग लाइन भी विवादित है। इसमें लिखा गया है, ‘द मीट-वी कैन ऑल ईट’। यानी वो मीट जिसे हम सभी खा सकते हैं।
इंडियन सोसायटी ने किया विरोध
वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की इंडियन सोसायटी के स्पोक्सपर्सन नितिन वशिष्ठ ने इस एड की निंदा की है। उन्होंने कहा, इस तरह की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी से हिन्दू नाराज है और इसकी निंदा करती है ! सोशल मीडिया पर भी ‘मीट एंड लाइव्हस्टॉक ऑस्ट्रेलिया’ की इस हरकत की लोग निंदा कर रहे हैं।
कंपनी ने क्या कहा ?
विवाद सामने आने के बाद ‘मीट एंड लाइव्हस्टॉक ऑस्ट्रेलिया’ के मार्केटिंग मैनेजर एंड्र्यू होवी ने कहा, नया कैंपेन जारी रहेगा। इसमें बताया गया है कि, आप किसी भी धर्म को माननेवाले हों, चाहे जो आपका बैकग्राउंड हो परंतु, इस मीट के लिए सब एक हो जाते हैं ! होवी ने आगे कहा, भेड का मांस कई दशकों से लोगों को जोड़ता रहा है। यह मॉडर्न बारबेक्यू है। हमारी मार्केटिंग का टारगेट ये है कि, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें। इस बार हमने अलग-अलग मजहबों के माननेवालों तक पहुंचने का प्रयास कीया है !
धर्माभिमानी हिन्दू निम्न पतेपर अपना निषेध व्यक्त कर रहे है ! आैर आप ?
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स्त्रोत : दैनिक भास्कर