पश्चिम बंगाल सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रमुख मोहन भागवत का सहभाग रहनेवाले एक कार्यक्रम को रद्द किया है। ये कार्यक्रम ०३ अक्टूबर को कोलकाता में होना था। कार्यक्रम के लिए कोलकाता का महाजाति सदन की बुकिंग कराई गई थी। ये कोलकाता में सरकार नियंत्रित मुख्य आडिटोरियम है। इसकी बुकिंग को अचानक रद्द कर दिया गया। इस कार्यक्रम में बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे।
कार्यक्रम एक व्याख्यानमाला थी, जो सिस्टर निवेदिता की भारतीय स्वाधीनता संग्राम में भूमिका विषय पर थी। सिस्टर निवेदिता ट्रस्ट महासचिव रंतिदेव सेनगुप्ता ने कहा, जुलाई में हम सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके थे। पुलिस को व्हीआयपी आवाजाही के बारे में बताया जा चुका था। अचानक ३१ अगस्त को आडिटोरियम ने सूचित किया कि बुकिंग रद्द कर दी गई है। उसने जो कारण गिनाए जो उपयुक्त नहीं थे। बाद में उसने हमसे पुलिस अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने को कहा। इससे पहले ऐसे कार्यक्रम में कभी पुलिस की एनओसी की आवश्यकता नहीं पड़ी !
पहले भी मोहन भागवत को रोका था
ये पहला मौका नहीं है जबकि राज्य सरकार ने भागवत को बंगाल में जनसभा को संबोधित करने से रोका है। इससे पहले जनवरी में कोलकाता पुलिस ने उनकी कोलकाता रैली को अनुमति नहीं दी थी परंतु उच्च न्यायालय ने इसके विरोध में निर्णय दिया था।
सूत्रों का कहना है कि, बुकिंग रद्द होने का कारण इस कार्यक्रम का समय है। कार्यक्रम से ठीक पहले विजयादशमी और मोहर्रम है। ३० सितंबर को विजयदशमी यानी दशहरा है तो अगले दिन मोहर्रम। राज्य सरकार का मानना है कि, हिन्दू संगठन विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा कर रहे हैं, इससे गड़बड़ी हो सकती है। पिछले साल भी इसी तरह हुआ था और जगह जगह दंगे हुए थे।
स्त्रोत : न्यूज 18