ढाका – बांग्लादेश में युद्ध अपराध की जांच के लिए बनाई विशेष कोर्ट ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख को मौत सुनाई है। इस्लामी पार्टी के प्रमुख 71 वर्षीय मोतीउर्रमान निजामी को 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई के दौरान हजारों लोगों की मौत का जिम्मेदार बताते हुए सजा दी गई है।
तीन जजों की बेंच के प्रमुख जज एम. इनायतुर रहीम, जिस समय सजा सुना रहे थे। उस दौरान कोर्ट खचाखच भरा हुआ था। भूतपूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके निजामी के विरुद्ध 16 मामलों में मुकदमा चलाया गया। इनमें नरसंहार, हत्या, बलात्कार और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप था। जमात-ए-इस्लामी ने निजामी को सजा दिए सुनाए जाने के बाद गुरुवार से देश में तीन दिन के बंद का एलान किया है।
कोर्ट द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद सरकार ने देश में सुरक्षा बढ़ा दी है। सरकार को डर है कि फैसले से नाराज कट्टरपंथी पार्टी के समर्थक पूरे देश में उपद्रव मचा सकते हैं। बीते साल भी पार्टी के कई कट्टरपंथी नेताओं को युद्ध अपराध का दोषी मानकर सजा सुनाई गई थी। बीते साल जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों ने पूरे देश में दंगे भड़का दिए थे। इसमें करीब 500 लोगों की मौत हो गई थी।
साल 2000 में जमात-ए-इस्लामी की सहयोग वाली सरकार में निजामी मंत्री बनाए गए थे। वह कुख्यात अल बद्र मिलिशिया का नेतृत्व भी करते थे, जिस पर देश में कई जघन्य अपराध करने का आरोप है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर