कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
हैदराबाद – सर्च इंजन गूगल के एक पूर्व कर्मचारी को इराक के खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) जॉइन करने की कोशिश के आरोप में हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने कहा है कि उसे आंतकी संगठनों को जॉइन करने का मंसूबा रखने वाले भारत में जिहादियों के बड़े नेटवर्क को खत्म करने में सफलता मिल सकती है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अधिकारी महीनों से मुर्शिदाबाद निवासी 30 वर्षीय सिक्यॉरिटी एनालिस्ट मुनव्वद सलमान की बातचीत सुन रहे थे। जब उन्हें भरोसा हो गया कि सलमान का इरादा सऊदी अरब जाकर इराक में घुसने और फिर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने का है, तब हमने उसे हिरासत में ले लिया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सलमान से और सूचना जुटाने के लिए पूछताछ चल रही है। यह हाल का पहला ऐसा मौका है, जब कोई सॉफ्टवेयर इंजिनियर इस्लामिक स्टेट जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन की ओर आकर्षित हुआ है। उन्होंने कहा, ‘यह गिरफ्तारी बेहद अहम है क्योंकि आतंकवाद से प्रभावित पढ़े-लिखे युवकों तक पहुंचने का यह एक बड़ा जरिया साबित हो सकता है।’
सॉफ्टवेयर इंजिनियर सलमान ने छह महीने पहले गूगल इंडिया की नौकरी छोड़ी है। तब से वह लगातार ‘अल इसाभा’ पढ़ रहा था, जिसे भारतीय मुसलमानों को टार्गेट करने के लिए आईएस से सहानुभूति रखनेवाले लोग चला रहे हैं। सलमान करीब एक साल से आईएसआईएस के लोगों से संपर्क में था और कथित तौर पर ‘अल इसाभा’ को चलाने वाले लोगों से पूरी तरह प्रभावित होने से पहले उसने ई-मेल का आदान-प्रदान किया था।
हाई अलर्ट पर होने की वजह से सलमान और उसके नेटवर्क की बातचीत सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई। पूछताछ में सलमान ने बताया कि उसने सऊदी अरब की एक लोकल कंपनी में जॉइन करने के लिए वहां जाने का वीजा बनवा रखा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उसके पास सऊदी अरब में नौकरी करने के लिए उपयुक्त वीजा है। लेकिन, यह पूरी तरह तय हो गया था कि उसकी योजना तुरंत या थोड़े दिनों बाद आईएस में शामिल होने की थी।
सलमान के परिवार को जब उसकी योजनाओं के बारे में पता चला तो उन लोगों ने उससे ऐसे विचारों से दूर रहने के लिए कहा था। हैदराबाद के किसी युवक को आतंकवाद के प्रति आकर्षित करने में आईएस आतंकियों की सफलता का यह पहला मामला नहीं है। पिछले महीने ही कुछ इंजिनियरिंग स्टूडेंट्स समेत कुल 15 युवकों को आईएस जॉइन करने जाते वक्त पश्चिम बंगाल की सीमा पर पकड़ा गया था। अभी यह साफ नहीं है कि सलमान को भी उन युवकों की तरह ही समझा-बुझाकर छोड़ दिया जाएगा या नहीं।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चिंताएं बढ़ रही हैं क्योंकि या तो कई और लोग आईएस जॉइन करने की फिराक में हैं या ऐसा करने के लिए देश से निकल चुके हैं। पिछले सप्ताह पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर शहर में कथित तौर पर सिमी और अल कायदा के गठजोड़ का खुलासा किया था। दोनों अफगानिस्तान जाकर अल कायदा में शामिल होने की योजना बना रहे थे।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स