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सोलापुर : हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा ‘सूचना अधिकार कार्यशाला’ का आयोजन

‘सूचना अधिकार’ का सुयोग्य उपयोग कर शिविरार्थियों का राष्ट्र एवं धर्म कार्य में क्रियाशील होने का निश्‍चय !

कार्यशाला में उपस्थित शिविरार्थी एवं मान्यवर

सोलापुर (महाराष्ट्र) : सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में संंगठित होकर वैधानिक पद्धति से कार्य करना यही सुराज्य स्थापना का राजमार्ग है ! आज के दिन भ्रष्ट प्रशासनिक कर्मचारी, साथ ही अधिकारी सामान्य जनता के कार्यों को प्रलंबित रखकर उनके साथ अन्याय ही कर रहे हैं। ऐसे समय में सूचना अधिकार के अंतर्गत जानकारी लेकर अन्याय का निवारण कैसे करना चाहिए, इस संदर्भ में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. नीलेश सांगोलकर ने शिविरार्थियों को अवगत कराया।

यहां के भावना ऋषि पेठ के पंचमुखी हनुमान मंदिर में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर व्यासपीठ पर सोलापुर के पद्मशाली संस्था के कोषाध्यक्ष श्री. पुरुषोत्तम उडता एवं उद्योगी श्री. कमटम उपस्थित थे।

इस कार्यशाला में बजरंग दल, श्रीशिवप्रतिष्ठान, पद्मशाली युवक संघटन जैसे विविध संघटनों से संबंधित धर्मप्रेमियों ने सहभाग लिया।

इस अवसर पर राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा हेतु तथा सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में संघटित होकर ‘सूचना अधिकार २००५’इस कानून का उपयोग कर हम किस प्रकार से विधिजन्य लडाई में सम्मिलित हो सकते हैं, इस विषय में अनेक धर्मप्रेमियों ने जिज्ञासा के साथ जान लिया। इस समय ४० धर्मप्रेमी उपस्थित थे।

उपस्थित मान्यवर

बजरंग दल के संयोजक श्री. अंबादास गोरंटला, संयोजक श्री. दीपक पवार, नगर संयोजक श्री. प्रमोद यलगीर, शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. रवी गोणष, उद्यमी श्री. सत्यनारायण गुर्रम, श्री. विवेक इंगळे, श्री. समर्थ मोठे, श्री. चिदंबर कारकल, श्मार्कंडेय जनजागृति के श्री. नितीम मार्गम, श्री. नागेश महामुनी, श्री. सिद्धू चरकुपल्ली, श्री. प्रभुलिंग पुजारी, हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री विनोद रसाळ, दत्तात्रय पिसे, रमेश पांढरे, सतीश कुंचपोर आदि

इस अवसर पर ‘जीवन में साधना का महत्त्व’ इस विषय पर रणरागिणी शाखा की श्रीमती अनिता बुणगे ने उपस्थित धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन किया। इस समय सनातनद्वारा प्रकाशित ग्रंथ एवं फलकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

वैशिष्ट्यपूर्ण

१. इस कार्यशाला में शिविरार्थियों ने सूचना अधिकार का सुयोग्य उपयोग कर राष्ट्र एवं धर्म कार्य में क्रियाशील होने का निश्‍चय किया !

२. कार्यशाला में शिविरार्थियों ने स्वयंस्फूर्ति से सहभाग किया। उनमें के कुछ शिविरार्थियों ने ‘हमें इस कार्यशाला के माध्यम से बहुमूल्य जानकारी मिली’, ऐसे कहा !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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