पौष पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११४
स्वामी राघव दासजी महाराजके चित्रप्रदर्शनीका एक चित्र |
प्रयागराज – कुंभमेलेमें अनेकविध संत-महात्मा एक ओर सत्संग,प्रवचनद्वारा आध्यात्मिक सीख दे रहे हैं तथा दूसरी ओर सामाजिक समस्याओंपर प्रबोधन भी कर रहे हैं । ऐसा ही संदेश वृंदावनके महंत श्री ऋषिकुमार दासजी महाराजके कृपापात्र स्वामी राघव दासजी महाराजने कुंभनगरीको गोरक्षाके संदर्भमें दिया है । इसके लिए उन्होंने सेक्टर क्र. ११ के पंचवटी पलवल नगर खालसा शिविरमें हृदयद्रावक छायाचित्रप्रदर्शनी लगाई है । स्वामीजीने गोरक्षाका कार्य २१ वर्षकी आयुसें वृंदावनमें आरंभ किया है एवं आज हरियाणा, नई देहली, पंजाब एवं राजस्थानमें सैंकडों युवकोंका समूह उनके मार्गदर्शनमें गोरक्षाका कार्य कर रहा है । वर्तमानमें यह प्रदर्शनी कुंभनगरीमें संत-महंत एवं श्रद्धालुओंके आकर्षणका केंद्र बन गई है । इसके अतिरिक्त यहां क्रुरतासे की जानेवाली गोहत्याके चित्रफित भी दिखाई जाती है । यह चक्रिका देखकर साधूसंत-महंत एवं श्रद्धालु भारी संख्यामें प्रभावित होते हैं । स्वामीजीद्वारा बनाए गए युवकोंके समूह सर्वत्र भ्रमण करते हैं । जहां जहां भी गाय अथवा गोवंशकी हत्या तथा मारपीट होती है अथवा उनके प्रति उदासीनता दिखाई जाती है वहां वहां ये युवक जाकर प्रबोधन करते हैं । स्वामीजीने कुंभनगरीमें अपने शिविरमें हिंदू जनजागृति समितिकी प्रदर्शनीमें गोहत्या एवं गंगा प्रदूषणके विषयोंपर प्रबोधन करनेवाली प्रदर्शनी भी लगाई है । उसीप्रकार यहां स्त्रीभ्रूण हत्याके विषयपर अत्यंत यथार्थ छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई गई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात