बिलिव्हर्सपंथीय पास्टर डॉम्निक की पत्नी जुआव डिसोझा ने कायसूव (म्हापसा, गोवा) गांव के धर्माभिमानी श्री. अंकित साळगावकर के विरोध में झूठी शिकायत प्रविष्ट की थी । जुआव डिसोझा ने शिकायत में कहा था कि, श्री. अंकित उनका पिछा कर उन्हे प्रताडीत कर रहे है । इस प्रकरण में म्हापसा के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने श्री. अंकित की निर्दोष मुक्तता की है ।
धर्माभिमानी अधिवक्ता सर्वज्ञ पाटील अंकित साळगावकर की आेर से उपस्थित थे । अंकित के विरोध में ठाेस प्रमाण (सबुत) ना मिलने के कारण उनकी निर्दोष मुक्तता करने का आदेश प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिया ।
इस के पूर्व बिलिव्हर्स द्वारा अंकित पर बिलिव्हर्स की गाडी की तोडफोड करने जैसी झुठी शिकायत की गर्इ है । फेसबूक के माध्यम से फेसबूक पर टिप्पणी करने का भी आरोप लगाकर बिलिव्हर्स महिलाआेंद्वारा अंकित के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया है । निर्वाचन आयोग के पास भी निखिल शेट्ये नाम के बिलिव्हर्स समर्थक ने अंकित के विरोध में राजकीय प्रचार करने की शिकायत की थी ।
झूठी शिकायत प्रविष्ट कर श्री. अंकित को कष्ट देनेवाले बिलिव्हर्स पर कडी कारवार्इ होनी चाहीए । नफरत फैलाने की राजनीती का आरोप करनेवाले मिशनरी हिन्दुआेंपर झुठे आरोप लगाकर स्वयं ही नफरत फैला रहे है । हिन्दुआें को लालच देकर उनका जबरन धर्मांतरण करने का उद्देश्य सफल होने के लिए मिशनरी, महिलाआें के माध्यम से झूठी तक्रार प्रविष्ठ करने जैसा घिनौना काम करने का भी दु:साहस करते है ।
यह है बिलिव्हर्सवालों का असली रूप !
परिस्थिति का लाभ उठाकर, कपटपूर्वक, लोभ दिखाकर बिलिव्हर्सवालोंद्वारा गोवा के हिंदुओंको धर्मांतरित किया जा रहा है। उनके पास्टर डॉम्निक कहते हैं कि, यदि उनकी जानकारीवाले ‘विजिटिंग कार्ड’ छाती को लगाए गए, तो मनुष्य को हुर्इ बिमारी ठीक हो जाती है । ‘बिलिव्हर्स’ के धर्मपरिवर्तन की ऐसी कार्यवाहियोंपर हिन्दू ही बलि चढ रहे हैं । वे हिन्दुओंका ही धर्मपरिवर्तन करते हैं । वस्तुतः हिन्दुओं के मंदिरों में अन्य पन्थीय आते रहते हैं एवं वे मंदिर में सगुन भी देखते हैं; परन्तु वहां उन्हें कोई भी हिन्दू ऐसा नहीं कहता कि आप हिन्दू हो जाओ, तभी सगुन देखूंगा । ऐसा होते हुए भी ‘बिलिव्हर्स’ वाले हिन्दुओंको धर्मपरिवर्तन करने क्यों कहते हैं ?
हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु बिलिव्हर्सवालों के विरोध में आैर बडा आंदोलन करेंगे – अंकित साळगावकर का संकल्प
हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु किसी भी पिडा से गुजरने के लिए तैयार हूं। इस प्रकरण में मेरी निर्दोष मुक्तता हुर्इ है । मै बिलिव्हर्स पंथीयों के विरोध में कानूनन लडार्इ लड रहा हूं । मेरे विरोध में तक्रार करने से मैं रुक जाऊंगा एेसे भ्रम मे बिलिव्हर्स ना रहे । एेसी प्रतिक्रिया धर्माभिमानी श्री. अंकित साळगावकर ने व्यक्त की है ।
श्री. अंकित जैसे धर्माभिमानी ही हिन्दु धर्म की असली शक्ति है । एेसा धर्माभिमान सभी हिन्दुआें में निर्माण हुआ तो हिन्दू धर्म की उपेक्षा करने का दु:साहस कोर्इ नही करेगा ।
धर्मांतरण का विरोध करने के लिए आप क्या कर सकते है ?
१. अपने शहर / गांव में यदि कोर्इ मिशनरी संस्था हिन्दुआेंको लालच देकर उन्हें धर्म-परिवर्तन करने के लिए कह रही हो, तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस में करें !
२. अपने क्षेत्र में सभी को र्इसार्इयोंद्वारा हो रहे धर्मांतरण के विषयमें जागृत करें ।
३. साथ ही कोर्इ भी हिन्दू धर्मांतरण की बलि ना चढें, इसके लिए प्रत्येक हिन्दू धर्मशिक्षा लें । इस विषय में विस्तृत लेख आप यहां पढ सकते है आैर उसे अपने मित्र-परिवार को शेअर भी कर सकते है : https://www.hindujagruti.org/hindi/hindu-issues/conversion
४. हिन्दू जनजागृती समिति की आेर से धर्म परिवर्तन के विषय में जागृति करने हेतु कुछ ग्रंथ प्रकाशित किए गए है । आप स्वयं इन्हें खरीद सकते है तथा अन्यों को भी यह ग्रंथ पढने हेतु बता सकते है ।
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