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दुर्गा पूजा से पहले ममता बनर्जी की हिन्दू संगठनाआें को ‘आग से ना खेलने‘ की चेतावनी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद को चेतावनी दी है कि, राज्य में शस्त्र पूजन का कार्यक्रम कर बंगाल की शांति भंग ना करें और आग से ना खेले । ऐसे कार्यक्रमों पर पुलिस से रोक लगाने के लिए भी ममता ने कह रखा है । इससे पहले ममता ने कहा था कि, १ अक्तूबर को एकादशी के दिन प्रतिमा विसर्जन नहीं होगा क्योंकि इसी दिन मुहर्रम है । प्रतिमा विसर्जन २ से ४ अक्तूबर तक चलेगा ।

ममता ने कहा कि, बंगाल में दुर्गापूजा पारंपरिक रूप से सौहार्द के साथ मनाई जाती है । उनकी सरकार आगामी दुर्गापूजा त्योहार के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध है । किसीने शांति भंग करने का प्रयास किया तो प्रशासन कडी कार्रवाई करेगा । उनका प्रशासन राज्य में हथियारों के साथ प्रतिमा विसर्जन जुलूस की अनुमति नहीं देगा । यह अवैध है और इस तरह के जुलूस बंगाल की परम्परा में नहीं रहे हैं । उन्होंने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से मुहर्रम के जुलूस शांतिपूर्वक निकालने की अपील की है ।

बता दे कि, विश्व हिंदू परिषद ने कहां था कि, वह पूरे राज्य में शस्त्र पूजन का कार्यक्रम करेंगे । जिसपर ममता ने चेतावनी दी है ।

आए दिन बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा होते आ रही है उस समय ममता शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए संकल्प करना क्याे भुल जाती है ? हिन्दुआें के प्रतिमा विसर्जन पर हिन्दू क्या करें, क्या ना करें इसकी चेतावनी देनेवाली ममता मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक निकालने के लिए केवल अपील करती है । इस से ममता का हिन्दू द्वेष एवं दोगलापन ही स्पष्ट होता है ।  

बंगाल में दुर्गापूजा पारंपरिक रूप से मनाई जाती है, एेसा कहनेवाली ममता काे क्या यह पता नही कि, विजयादशमी पर शस्त्र पूजन करना यह हिन्दुआें की परंपरा है आैर उसके पिछे धर्मशास्त्र है । हिन्दू शस्त्र को देवता का रुप मानकर उसे पूजते है । हिन्दू धर्म हिंसा को कभी प्रोत्साहन नही देता । हिन्दुआें की धर्म परंपराआें पर आंच डालनेवाली ममता कल जाकर कहीं विजयादशमी पर ही रोक ना लगा दे ।

ममता ने शस्त्र के साथ प्रतिमा विसर्जन जुलूस पर प्रतिबंध लगाया है फिर मुहर्रम के जुलूस में मुसलमान शस्त्र लेकर आते है उसे अनुमति क्यों ? मुहर्रम के जुलूस में मुसलमान शस्त्र से स्वयं के शरिर को जख्म देते है । परंतु प्रतिमा विसर्जन जुलूस में तो एेसा नही होता फिर भी हिन्दुआें के त्यौहार पर बंधन क्यो ?

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