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वडोदरा : मुहर्रम ताजिया के लिए पैसे ना देने के कारण जिहादीद्वारा एक हिन्दू की हत्या

श्री. मनोहर वारिया

टाइम्स आॅफ इंडिया में दिए गए वार्ता के अनुसार, वडोदरा निवासी श्री. मनोहर वारिया जी की उनके पडौस में रहनेवाले नाझीर पठान ने मुहर्रम ताजिया के लिए पैसे देने से इनकार करने के कारण हत्या कर दी ।

वारियाजी के संबंधियों ने कहा कि, जब मनोहर जी अपने बिल्डींग के नीचे बैठे थे, तब उनके पडौस में रहनेवाले नाझीर पठान ने उनसे मुहर्रम ताजिया के लिए पैसे मांगे । जब वारियाजी ने पैसे देने से इनकार किया तब नाझीर ने उनपर चाकू से वार कर दिए आैर वह भाग गया। वारिया जी को अस्पताल में उपचार के लिए लेकर गए, तभी उन्हें मृत घोषित कर दिया गया ।

पुलिस के अनुसार उन्होंने नाझीर का आॅटोरिक्क्षा जब्त कर लिया है तथा नाझीर को ढुंढने के लिए प्रयास जारी है ।

इस विषय में वार्ताए देते समय प्रसारमाध्यमों में ‘अग्रणी’ माने जानेवाले कुछ अंग्रेजी अखबारों ने हिन्दू की हत्या का विषय दबाने का प्रयास किया । पहले ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपने एक रिपोर्ट में कहा कि, १०० रू. के लेनदेन को लेकर हुए बहस में नझीम ने वारियाजी की हत्या कर दी ।

उसके अगले दिन ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में ही एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें इस सूत्र को बढावा दिया गया था कि, ‘हिन्दू व्यक्ती की हत्या के बाद वडोदरा के एक कॉलनी से ५८ मुस्लिम परिवारों ने पलायन किया ।’ इसी सूत्र में कहा गया है की वारियाजी तथा नाझीर में मित्रता था । उन दोनों मे एक मजाक के चलते कहासुनी हो गर्इ आैर तभी नाझीर ने गुस्से में वारियाजी पर चाकू से वार किए ।

इस रिपोर्ट पर अगर गौर करे तो यह ध्यान में आता है की पिडित वारियाजी के परिवार से बात करने के बजाए उनके पडौसी मुस्लिम परिवारों से बात कर यह रिपोर्ट बनार्इ है । पहलू खान या जुनैद खान की मृत्यु होने के उपरांत मिडिया ने क्या उनके हिन्दू पडौसियों से पुछताछ की थी ? उन्होंने तो उस समय पहलू आैर जुनैद के परिवारवालों की बातो पर ध्यान दिया था । यह मिडिया का दोगलापन नहीं तो आैर क्या है ?

पिछले साल भी पश्चिम बंगाल के बिरभूम जिले में इंद्रजीत दत्ता नामक हिन्दू की ताजिया को पैसे देने से मना करनेपर जिहादीयों द्वारा हत्या कर दी थी । उस समय भी मिडिया ने इस सूत्र को लगभग अनदेखा ही कर दिया था ।

यह सब बाते देखकर लगता है कि, आजकल की मिडिया का उद्देश हिन्दुआें का दमन करना, हिन्दुआें की समस्याआें का खरा स्वरूप उजागर ना हो तथा अल्पसंख्यकों के विरूद्ध कोर्इ भी घटना हो तो उसपर इतना बवाल करे की जैसे आज के समय की वही सबसे बडी समस्या हो । इसीलिए अब हिन्दुआें ने इसके विरूद्ध संघटित होकर आज के हिन्दुद्वेषी मिडिया का पुरी तरह से बहिष्कार करना चाहिए । यही उनके लिए सबसे उचित शिक्षा होगी ।

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