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केरल लव्ह जिहाद : मुस्लिम युवक ने सर्वोच्च न्यायालय से की एनआयए जांच रोकने की मांग

केरल के लव्ह जिहाद केस में एनआयए की जांच का सामना कर रहे मुस्लिम युवक शैफीन जहां ने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की है कि, एनआयएद्वारा की जा रही इस जांच को बंद किया जाए। उसने कहा कि, उसकी पत्नी हादिया को जो कि पहले हिन्दू थी उसके घरवाले परेशान कर रहे हैं।

बता दें कि, शैफीन जहां ने अखिला नाम की हिन्दू लडकी से शादी की थी। शादी के बाद लडकी ने हिन्दू धर्म छोडकर इस्लाम धर्म अपना लिया था। लड़की के पिता केएम अशोकन ने आरोप लगाया है कि धोखे से उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन किया गया है। अपनी याचिका में सैफीन जहां ने कहा है कि, उसकी पत्नी हादिया उर्फ अखिला पर जबर्दस्त मानसिक और शारीरिक दबाव डाला जा रहा है। अखिला अभी अपने पिता के साथ रह रही है !

यहां एक बात ध्यान में लेनी चाहिए कि, केरल के लव-जिहाद की घटना को दिखाते समय अब तक मिडिया ने केवल लडके का ही स्टेटमेंट लेनेपर जोर दिया है । किंतु सर्वोच्च न्यायालय का इस प्रकरण में जो रूख है उसे कही ज्यादा सामने नहीं आने दिया ।

इस प्रकरण की जांच कर रहे एनआइए ने भी माना है कि, यह लव्ह-जिहाद है आैर साथ ही युवक के इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से भी संबंध है । इसके प्रमाण भी न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए है । एेसा होते हुए भी शैफीन जहां द्वारा इसे रोकने की मांग की जा रही है । सेक्युलर मिडिया इस विषय में कोर्इ चर्चा सत्र आयोजित नहीं करती या यह घटना लव-जिहाद की है एेसा स्पष्ट नहीं कहती ।

एनआइए ने यह भी कहा है कि, केरल में हो रही लव-जिहाद की घटनाआें को उजागर करने हेतु विशेष ‘दवा पथक’ ने भी इस विषयमें अन्वेषण किया है । इस अन्वेषण में एक साल में ९८ धर्म-परिवर्तन के मामले सामने आए है ।

वहीं केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी माना है कि, केरल में लव जिहाद के नाम कई पर लडकियों का धर्मांतरण हुआ है ।

इतना सब सामने आने के बाद भी महिलाआें पर हो रहे अत्याचारों के विरूद्ध लढनेवाले कथित स्त्रीमुक्ती संघटना इस घटना पर चुप्पी साधे बैठी है ।

लव-जिहादीयों से बचने हेतु महिला धर्मशिक्षा लें तथा लव-जिहाद के विषय में समाज में जागृती करें । हिन्दू जनजागृति समितीद्वारा लव-जिहाद के विषयमें जानकारी उपलब्ध है । इसे अवश्य पढें एवं अपने मित्र-परिवार को भी शेअर करें : www.HinduJagruti.org

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