कार्तिक शुक्लपक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा है कि भारत में वेश्यावृत्ति को वैध बनाने से संबंधित एक प्रस्ताव आठ नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति के समक्ष पेश किया जाएगा।
बुधवार को एक बयान में एनसीडब्ल्यू ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय की समिति वेश्यावृत्ति को वैध बनाने से संबंधित प्रस्ताव को आठ नवंबर को होने वाले राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम में पेश करेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस समिति का गठन वर्ष 2010 में यौनकर्मियों के पुनर्वास को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका के बाद किया है।
शीर्ष न्यायालय ने 24 अगस्त, 2014 को अपने आदेश में एनसीडब्ल्यू को समिति की बैठकों में शामिल होने का निर्देश दिया था। समिति का गठन इमोरल ट्रैफिक (प्रिवेंशन) एक्ट 1956 (अनैतिक व्यापार (निवारण अधिनियम 1956) में संशोधन के लिए सिफारिशें देने को किया गया है ताकि यौनकर्मी संविधान के अनुच्छेद 21 के प्रावधानों के तहत गरिमा के साथ जीवनयापन कर सकें।
समिति अधिनियम के प्रावधानों और विसंगतियों पर चर्चा करेगी। साथ ही कानून के क्रियान्वयन और यौनकर्मियों के जीवन पर इसके असर का भी आकलन किया जाएगा। हालांकि ललिता कुमारमंगलम ने उन मीडिया रपटों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि उन्होंने वेश्यावृत्ति को वैध बनाने से संबंधित प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में पेश करने की योजना बनाई है।
स्त्रोत : jagran.com