Menu Close

नॉन व्हेज के बर्तन न धोने पर ‘शांतिप्रिय’ शिक्षिका ने हिन्दू छात्र को बेरहमी से पीटकर किया अधमरा !

समाचारपत्र जागरण में छपे समाचार के अनुसार, बिजनौर के इस्माइलपुर गांव के परिषदीय विद्यालय की एक मुस्लिम शिक्षिका नाजिया ने ५वी कक्षा के १० वर्षीय हिन्दू छात्र कृष्णा को केवल इसलिए पिटा कि, कृष्णा ने शिक्षिका के मांस के बर्तन धाेने से इनकार किया था । छात्र को इतनी बेरहमी से पीटा कि, वह बेहोश हो गया। उसकी आंख व चेहरे पर चोट के कई निशान हैं । नाजिया पर आरोप है कि, वह बच्चों से अपने दोपहर के भोजन के बरतन धुलवाती है, जिनमें नॉन व्हेज खाना होता है। गुस्साए परिजनों ने थाने में तहरीर देकर शिक्षिका के विरोध में कार्रवाई की मांग की है । साथ ही एबीएसए से शिक्षिका के निलंबन की भी मांग की।

लगभग १५ दिन पूर्व भी उक्त शिक्षिका ने इसी विद्यालय के कक्षा २ के छात्र सागर सिंह को भी पीटा था।

यह समाचार पढकर मन में कुछ प्रश्न आते है :

१. यदि किसी मुस्लिम छात्र का इस प्रकार का उत्पीडन होता, तो मिडिया ने इसे ‘Breaking News’ बना दी होती । इस विषय पर चर्चा सत्र आयोजित किए होते । देश में असहिष्णुता बढने का ढिंढोरा पिटा जाता । किंतु इस घटना में पीडित छात्र हिन्दू है, क्या केवल इसलिए बिकाऊ मिडिया इसे कोर्इ कव्हरेज नहीं देती ?

२. विद्यालय की शिक्षिका छात्रों से बर्तन धुलवाती थी। विद्या के मंदिर में छात्रों को बर्तन धोने जैसा व्यक्तिगत काम कैसे दिया जाता है ? विद्यालय के अन्य शिक्षक तथा प्रधानाध्यापक को क्या यह बात पता नहीं थी ? आैर यदि पता थी, तो उन्होंने इस विषय में कुछ कारवार्इ क्यों नहीं की ?

३. प्रशासन अमानवीय तरीके से छात्रों के साथ मारपीट करनेवाले इस ‘शांतिप्रिय’ शिक्षिका पर जुवेनाइल जस्टीस अॅक्ट २००० के तहत कारवार्इ करें, एेसी हिन्दुआेंकी अपेक्षा है ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *