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हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दुत्व’ के कार्य का अलगपन

हिन्दू जनजागृति समिति के १५वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में !

१. समिति के हरएक उपक्रम के पीछे साधना का अधिष्ठान है ! समिति का हर कार्यकर्ता स्वयं की साधना के रूप में ‘हिन्दुत्व’ का कार्य कर रहा है। अतः इस कार्य को ईश्‍वरीय अधिष्ठान प्राप्त होता है और कार्य को वास्तविक रूप से सफलता मिलती है। आज हिन्दू जनजागृति समिति के विहंगम गति से बढते हुए कार्य को देखकर इसकी प्रचीती होती है। इस माध्यम से वर्तमान में समिति ने ‘धर्मनिष्ठ हिन्दुत्व’ का एक नया पर्व का आरंभ किया हुआ है !

२. व्यापक हिन्दूसंघटन के लक्ष्य को मन में रखकर पूरे देश के सैकडों हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों को अपने साथ लेकर हिन्दू जनजागृति समिति ने ६ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनों का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस प्रकार से समितिद्वारा हिन्दुत्व के कार्य में ‘संघटनों का संघटन’ का एक नया एवं अनोखा अध्याय लिखा गया है !

३. ‘समिति सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों का मातृसंघटन है’ ऐसा, देश के सैकडों हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों का भाव बन गया है !

४. ‘विविध स्तरोंपर हिन्दू देवी-देवताओं का होनेवाला अनादर एवं विडंबन धर्मपर निहित बडा आघात है’, यह जान कर इस अनादर को रोकने के संदर्भ में मार्गदर्शक सूत्र समिति ने हिन्दुओं के सामने रखे, केवल रखे ही नहीं, अपितु ऐसे अनेक प्रकरणों में नेतृत्व कर देवताओं का अनादर रोकने में समिति को सफलता भी मिली !

५. समितिद्वारा चलाया जानेवाला हरएक अभियान वैधानिक पद्धति से अर्थात लोकतंत्र में निहित न्याय व्यवस्था के अंतर्गत सभी नियमों का अचूकता के साथ पालन कर संपन्न होता है !

६. ‘धर्महानि को रोकना तथा धर्मविरोधी विचारों का वैचारिक स्तर पर खंडन करना भी धर्मसेवा ही है’, इस नए विचार को हिन्दू जनजागृति समिति ने प्रस्थापित किया। नाटकों के माध्यम से देवताओं का किया जानेवाला उपहास, हिन्दू धर्म में निहित विविध त्यौहार, उत्सव एवं विधियों के विरोध में वामपंथी, पर्यावरणवादी, धर्मनिरपेक्षतावाले आदि की ओर से किए जानेवाले विरोध के विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति ने आवाज उठाई !

७. आज राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक समाचारवाहिनियोंपर समिति के अनेक प्रवक्ता हिन्दुत्व, हिन्दू धर्म एवं हिन्दुओं के पक्ष को प्रभावशाली पद्धति से तथा कुशलता के साथ रख रहे हैं। अनेक समाचारवाहिनियां समिति के प्रवक्ताओं को विविधांगी संदर्भों पर आधारित परिचर्चाओं में हिन्दुत्व का पक्ष रखने हेतु आमंत्रित करती हैं। इलेक्ट्रॉनिक प्रसारमाध्यमों में हिन्दुत्व का पक्ष रखने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति का नाम अग्रक्रम से लिया जाता है, यह है एक अधोरेखित करनेवाला सूत्र !

. . . और यही हिन्दू जनजागृति समिति का ‘अलगपन’ है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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