केरल के कासरगोड में आथिरा नाम की जिस लडकी ने जुलाई में घर छोडने के बाद इस्लाम को अपनाते हुए धर्म परिवर्तन कर लिया था, वह फिर हिन्दू धर्म में लौट आई है । अथिरा ने बताया कि, कैसे उसे उन्हें धर्म-परिवर्तन के लिए बहकाया गया था ।
अथिरा के घर से चले जाने के बाद उनके माता-पिता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद अथिरा को उनके माता-पिता के पास सौंप दिया गया था । हालांकि न्यायालय ने यह शर्त रखी थी उन्हें इस्लाम की पढाई जारी रखने दी जाएगी और उन्हें जबरन हिन्दू धर्म अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा ।
अथिरा के अनुसार, हिन्दू हेल्पलाइन के लोगों ने उसके पिता की मदद की और उसे एर्नाकुलम के अर्स विद्या समाजम के बारे में बताया । अथिरा के अनुसार, इन लोगों ने उन पर कोई दबाव नहीं दिया, बल्कि उसे सही सूचना दी । उन्होंने अथिरा को खुले दिमाग से कुरान को फिर से पढ़ने की शिक्षा दी । अथिरा कहती है कि, जब मैने तार्किक ढंग से कुरान पढा, तो मेरे दिमाग में कई शंकाएं उत्पन्न हुई । अथिरा ने इसके बाद समाजम में दाखिला लिया और इसके बाद उसने फिर से हिन्दुत्व में लौटने का निर्णय लिया ।
हिन्दू धर्म की कमियां गिनाते थे अथिरा के मुस्लिम दोस्त
अथिरा ने टाइम्स नाऊ को बताया कि, उनके सभी दोस्त मुस्लिम थे जिन्होंने हिन्दू धर्म के विरोध में उन्हें बहकाया । वह हिन्दू धर्म की खामियां उन्हें गिनाते थे । वह उनसे कहते थे कि, कैसे किसी पत्थर की पूजा करके मदद की उम्मीद की जा सकती है । वह उन्हें यह भी बताते कि, इस्लाम में केवल एक भगवान ‘अल्लाह’ है ।
घर छोडने पर हुआ SDPI, PFI से संपर्क
अथिरा ने बताया कि, घर छोडने के बाद अनीसा और सिराज के जरिए वह SDPI (सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और PFI (पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के संपर्क में आईं। सिराज उनके दोस्त का रिश्तेदार था जो PFI कार्यकर्ता भी था। वह कहती हैं कि, SDPI और PFI कार्यकर्ताओं ने ही उनसे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और अपने माता-पिता के पास जाने से पहले टीवी पर इंटरव्यू देने के लिए कहा।
(कुछ दिन पहले यह वार्ता आर्इ थी कि, भारत सरकार को PFI के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले है तथा उनपर बैन भी लगाया जा सकता है । यहां जिस प्रकार PFI तथा SDPI के कार्यकर्ता ने एक हिन्दू लडकी को बहलाया था, उन्होंने एैसे कर्इ लोगों को गुमराह किया होगा । अब इसकी जांच भी होनी चाहिए, यही हिन्दूआें की अपेक्षा है । – संपादक, हिन्दूजागृति)
धार्मिक भाषण सुनाए जाते थे
अथिरा के अनुसार, उन्हें जाकिर नाइक जैसे लोगों के भाषण सुनाए जाते थे जिसमें यह तर्क दिया जाता था कि, बाकी सब धर्म गलत हैं, केवल इस्लाम सही है। यह सुनकर उसे लगता कि, इस्लाम ही सर्वश्रेष्ठ है। उसे नरक के बारे में एक किताब भी दी गई जिसे अथिरा डरावना बताती हैं। उसे पढ़कर उन्हें लगा कि, उनके साथ भी वहीं होगा जो किताब में कहा गया है।
(कहां सभी का आदर करने के लिए सिखानेवाला हिन्दू धर्म आैर कहां दुसरे धर्मों के विरूद्ध गलत बाते कहकर गैर-इस्लामी लोगों को गुमराह करनेवाले धर्मांध जिहादी ! – संपादक, हिन्दूजागृति)
अथिरा ने की लोगों से अपील, हिन्दू धर्म को समझें
अथिरा कहती हैं कि, अब जब वह अपने परिवार के साथ रह रही हैं तो उन्हें अहसास हुआ है कि, लोगों को जब अपने धर्म के बारे में पूरा ज्ञान नहीं होता तब वह दूसरे धर्म की ओर आकर्षित होते हैं। वह कहती हैं कि, पहले अपने धर्म को पढ़ें और फिर निर्णय करें कि, क्या अच्छा है। वह चाहती हैं कि, जिस तरह वह गुमराह हो गईं, वैसे कोई और न हो।
(इसी से हिन्दू धर्म का श्रेष्ठत्व सिद्ध होती है । इसी लिए सभी हिन्दू धर्मशिक्षा लेकर अपने धर्म के प्रति अभिमान जागृत करे, यह समय की आवश्यकता बन चुका है । यदि सभी को धर्मशिक्षा मिलेगी, तो लव जिहाद, धर्म परिवर्तन जैसी समस्याआें का अपने आप ही अंत हो जाएगा । – संपादक, हिन्दूजागृति)
संदर्भ : नवभारत टाइम्स तथा जनसत्ता