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सामूहिक बलात्कारोंके लिए प्रसारमाध्यम ही कारणीभूत हैं ! – शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

प्रयागराज : देहलीमें अभी कुछ समय पूर्व ही हुए बलात्कारके प्रकरण अत्यंत निषेधार्ह एवं निंदनीय हैं । देशभरके प्रसारमाध्यम आजकल अश्लीलताको प्रोत्साहन देते हैं । इस कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं । इसके लिए सर्वस्वी प्रसारमाध्यम ही कारणीभूत हैं, ऐसा स्पष्ट मत गोवर्धनपुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीने प्रस्तुत किया ।

शंकराचार्यका आगमन २९ जनवरीको सवेरे कुंभनगरीमें हुआ । इस प्रसंगमें  स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी, शिविर प्रभारी श्री. राम पाण्डेयजीके साथ बडी संख्यामें भक्तगण उपस्थित थे ।

इस अवसरपर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंदजी बोले,
१. ‘‘समाजकी वासनांध दुष्प्रवृत्तियोंपर अंकुश लगानेके लिए सनातन धर्मके सांस्कृतिक मूल्य ध्यानमें आने चाहिए एवं उन्हें आत्मसात करना चाहिए ।
२. इसके साथ ही इससे संबंधित कानूनको भी अधिक कठोर बनानेकी आवश्यकता है ।
३. आज गंगा नदीके प्रदूषणका विषय आत्मसम्मानका विषय बन गया है । जबकि आत्मसम्मानकी अपेक्षा न कर, इस विषयपर प्रामाणिकरूपसे कार्य करनेकी आवश्यकता है ।
४. अयोध्यामें श्रीराम मंदिर निर्माणके कार्यमें भी आत्मसम्मानविरहित प्रामाणिकरूपसे करनेकी आवश्यकता है; परंतु दुर्भाग्यसे इस कार्यमें सत्ताधारियोंसे  संलग्न लोग कार्यरत हैं ।’’

धर्मविरोधी घटक कार्यरत होते हैं, तब धर्मकी रक्षा संगठितरूपसे करनी चाहिए !

शंकर चतुष्पथ प्रक्रियाके विषयमें मतप्रदर्शन करते समय शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी बोले, ‘‘संतोंमें वाद-विवाद सनातन धर्मके लिए उचित नहीं है । इससे धर्मविरोधी तत्त्व कार्यरत होते हैं । ऐसेमें आपसी मतभेद भुलाकर संगठितरूपसे धर्मकी रक्षाके लिए कार्यरत होनेकी आवश्यकता है ।’’

भाजपाके भूतपूर्व उपाध्यक्ष गोविंदाचार्यजीकी प्रदर्शनको भेट !

श्री. गोविंदाचार्यजी (दाएंसे तीसरे) को जानकारी देते हुए पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी (दाएंसे दूसरे)

श्री. गोविंदाचार्यजी (दाएंसे तीसरे) को जानकारी देते हुए पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी (दाएंसे दूसरे)

प्रयागराज : ३० जनवरीको भाजपाके भूतपूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री. गोविंदाचार्यजी एवं उनके सहयोगीने कुंभमेलेमें सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृति समितिको ‘हिंदू राष्ट्र’की स्थापनाके लिए बनाए गए प्रदर्शनको भेट दी । तदुपरांत उन्होंने हिंदू जनजागृतिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीके साथ चर्चा की । तब श्री. गोविंदाचार्यजी बोले, ‘‘१८ एवं १९ फरवरीको स्वामी चिदानंदजी ने सर्वधर्म संसद आयोजित की है । यह गलत है । इस विषयमें स्वामी चिदानंदजीको समझाया जाएगा । धारमें सरस्वतीदेवीके मंदिरपर हिंदुओंका अधिकार होनेके उपरांत भीr वहांकी सरकारने मुसलमानोंको वहां नमाज पढनेका अधिकार दिया है, जो कि गलत है । सर्व हिंदूद्वेषी संगठनोंको अब संगठितरूपसे कार्य करनेकी आवश्यकता है ।’’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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