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हिन्दू त्योहारों में भीड कम करने के लिए रेल्वे ने प्लेटफार्म टिकट के दाम दोगुने किए

हाल ही में प्राप्त एक समाचार के अनुसार अगले माह के पर्व-त्योहारों के दौरान स्टेशनों से भीड कम करने के लिए दक्षिण पूर्व रेल्वे ने अपने सभी रेल मंडल के स्टेशनों के प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ा दिए हैं ! २० सिंतबर से ३१ अक्टूबर तक प्लेटफार्म टिकट २० रुपए में मिलेगा । अभी यह १० रुपए में मिलता है । रेल्वे अधिकारियों के अनुसार, रेल्वे और यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म टिकटों के दाम बढाए गए हैं । इससे स्टेशन से अनावश्यक भीड कम होगी और स्टेशन की सुरक्षा कर रहे जवानों पर कार्य का अनावश्यक बोझ नहीं पडेगा।

जोनल रेल्वेे ने भी सभी स्टेशनों के प्लेटफार्म टिकटों के दाम दोगुने कर दिए हैं। इससे रांची के हटिया, मुरी, झालदा, बोकारो और अन्य स्टेशनों में भी नए मूल्य लागू होंगे । रांची स्टेशन में डिवीजन ने एक दिन पहले ही प्लेटफार्म टिकट की नयी दर लागू कर दी है ।

यह वार्ता पढने पर आगे दिए कुछ सूत्र ध्यान में आते हैं :

१. रेल्वे एवं यात्रियों की सुरक्षा से प्लेटफार्म टिकट का क्या संबंध है ? सुरक्षा के नाम पर टिकटों के दाम बढाना हास्यास्पद ही है । यदि रेलवे प्रशासन को रेल्वे तथा यात्रियों की सुरक्षा का इतना ही विचार है तो प्रशासन को उसके लिए रेलगाडियों की संख्या बढाना, सुरक्षारक्षकों की संख्या बढाना, प्लेटफॉर्म टिकट की चेकिंग करना इत्यादि अलग उपाय करने चाहिए थे ।

२. एक ओर प्रशासन हज यात्रियों को उनकी यात्रा सुलभ हो, इसलिए अलग-अलग सेवाएं उपलब्ध करवाता है और दूसरी ओर हिन्दुओं के त्यौहारों पर टिकटों के दाम बढाता है । टिकटों के दाम बढाकर रेल्वे प्रशासन हिन्दुओं का आर्थिक शोषण ही कर रहा है । रेल प्रशासन ने ऐसा निर्णय कभी अन्य धर्मियों के त्यौहारों के लिए लिया है ?

३. इससे पहले भी तेलंगाना में गोदावरी पुष्कर यात्रा के दौरान तेलंगाना शासन ने ५३० बसें छोडने की घोषणा की; किंतु उनकी टिकट-दर में ५० प्रतिशत की भीषण वृद्धि की थी । अन्य राज्यों में भी इस प्रकार हिन्दू त्योहारों के समय टिकट में दामों में वृद्धि की जा चुकी है । हर बार त्योहारों की ‘भीड का बोझ’, ‘हिन्दुओं के पैसों’ से ही क्यों हलका किया जाता है ?

४. अल्पसंख्यकों को जो छूट मिलती ही, उसमें ज्यादातर पैसा हिन्दुओं का ही होता है । क्योंकि, टैक्स भरनेवाले बहुसंख्यक हिन्दू ही है । यदि प्रशासन ऐसे ही निर्णय लेता रहा तो एक दिन हिन्दुओं की भावनाएं भडक सकती हैं और फिर उसके लिए जिम्मेदार प्रशासन ही होगा ।

इस निर्णय का आप किस प्रकार से विरोध कर सकते हैं ?

१. ट्विटर के माध्यम से आप रेलमंत्री पियुष गोयल @PiyushGoyal तथा रेल मंत्रालय को मेंशन करके अपना विरोध तथा इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर सकते हैं ।

२. सोशल मीडिया के माध्यम से इस विषय में जागृति कर अपने मित्र-परिवार को इसका विरोध करने के लिए कह सकते हैं ।

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