लेखक कांचा इलैया की नई किताब ‘सामाजिका स्मगलर्लु कोमाटोल्लू’ विवादों के विरोध में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विरोध शुरू हो रहा है ! आरोप है कि, वैश्य समुदाय ने किताब के विरोध में उनके साथ कथित तौर पर चप्पलों से मारपीट की। घटना भूपलपल्ली जिले में शनिवार की बताई जाती है। पुलिस का कहना है कि, कांचा इलैया तेलंगाना के वारंगल जिले में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां उनके आने की खबर सुनते ही लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान लेखक के विरोध में नारेबाजी भी की गई। इसपर इलैया को पुलिस स्टेशन ले जाना पड़ा। हालांकि इसके बाद पुलिस स्टेशन में तनाव और बढ़ गया।
इसी दौरान हैदराबाद मूल के एक वकील ने सईदाबाद पुलिस स्टेशन में इलैया के विरोध में केस दर्ज करवाया। वकील ने आरोप लगाया कि, उन्होंने अपनी किताब में हिन्दुओं के विरोध में आपत्तिजनक बातें कही हैं। पुलिस ने बताया वकील करुणसागर का आरोप है कि, लेखक ने अपनी चार किताबों में हिन्दुओं के विरोध में अपमानजनक भाषा का उपयोग किया था। किताब में हिंदू देवताओं को निंदा की गई थी। वहीं किताब में आगे कहा गया है कि, महात्मा गांधी को मारनेवाला नाथूराम भी एक ब्राह्मण था। ऐसे दो समुदायों में नफरत को बढ़ावा देने के लिए किया गया। करुणसागर का आरोप है कि, ऐसा पहली बार नहीं जब लेखक ने हिन्दुओं के विरोध में पहली बार लिखा हो !
वहीं डेक्कन क्रॉनिकल की खबर के अनुसार १८ सितंबर को आंध्र प्रदेश से तेलुगू देश पार्टी (टीडीपी) के राज्यसभा सांसद टीजी वेंकटेश ने कांचा इलैया को देशद्रोही करार देते हुए कहा कि उनकी लेखनी समाज को बांटने के लिए होती है। खाड़ी देशों की तरह वह भी सार्वजनिक रूप से फांसी दे देने लायक हैं। दूसरी स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार टीजी वेंकटेश आर्य वैश्य समुदाय से आनेवाले एक बड़े नेता है और कांचा इलैया की नई किताब में दावा किया गया है कि आर्य वैश्य समुदाय मांस खाता था और ये किसान हुआ करते थे। बाद में वे शाकाहारी हो गए !
स्त्रोत : जनसत्ता