मलयालम फिल्म निर्देशक सनल कुमार शशिधरन की फिल्म ‘सेक्सी दुर्गा’ को स्टार २०१७ जियो मुंबई फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किए जाने पर सेंसर बोर्ड ने रोक लगा दी है । सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निष्कर्ष निकाला था कि, इस फिल्म के कारण लोगों की “धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं और कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है !”
फिल्म पर रोक से शशिधरन परेशान और नाराज हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि, भारत ‘ईरान जैसा देश बनता जा रहा है ! मैं इसके लिए लड़ने जा रहा हूं, क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कलात्मक चीज रचने की स्वतंत्रता का सवाल है.. मैं चुप नहीं बैठूंगा ।’ उन्होंने आगे कहा, “दुर्गा फिल्म का नायक है। मुझे पता है कि, लोग कहेंगे, दुर्गा तो हमारी देवी हैं, लेकिन अगर यह मामला है, तो सड़कों पर जानेवाली दुर्गा नाम की सभी महिलाओं की पूजा करें। लेकिन यह नहीं हो रहा है !”
फिल्म निर्माता ने कहा, “मेरा कहने का मतलब है, भारत में दुर्गा नाम बडा ही सामान्य है। यह केवल देवी का नाम नहीं है। यहां कई इंसानों का नाम दुर्गा है। लेकिन आप देख सकते हैं कि, उनके साथ इंसानों जैसा बर्ताव तक नहीं किया जाता। जब उन्हें मदद की जरूरत होती है, तब लोग उन्हें नकार देते हैं। लेकिन जब एक फिल्म का शीर्षक इस नाम से आता है तो लोग चिल्लाने लगते हैं, रोने लगते हैं और कहते हैं कि इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं !”
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र ध्यान में आते है, जिसपर विचार होना आवश्यक लगता है :
१. कोर्इ भी हिन्दू जब ‘दुर्गा’ यह नाम पढता है, तो उसके मन में सर्वप्रथम श्री दुर्गादेवी का नाम तथा रूप ही सामने आता है । इसलिए फिल्म को ‘सेक्सी दुर्गा’ जैसे शीर्षक देना गलत ही है, यही सर्वसामान्य हिन्दूआें की भावना है ।
२. शशिधरन के अनुसार, उनके फिल्म पर रोक यानि ‘भारत अब ईरान बनता जा रहा है ।’ शशिधरन यह ध्यान में रखे यदि वे इस प्रकार का अपराध ईरान या अन्य किसी इस्लामी देश में करते, तो उन्हें देहदंड की शिक्षा मिलती ।
३. शशिधरन कहते है कि, ‘भारत में दुर्गा नाम बडा ही सामान्य है । कर्इ इंसानों का नाम दुर्गा है । लेकिन आप देख सकते हैं कि, उनके साथ इंसानों जैसा बर्ताव तक नहीं किया जाता ।’ तो उन्होंने यह सूत्र ध्यान में लेना चाहिए कि, सामान्यत: लोग अन्य इंसानों का नाम दुर्गा रखते है जिस कारण उन्हें श्री दुर्गादेवी का स्मरण हो । इसलिए यह कारण अपने फिल्म का शीर्षक गलत रखने के लिए आगे नहीं किया जा सकता ।
४. शशिधरन कहते है कि, ‘सेक्सी दुर्गा’ पर रोक लगना यानि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने जैसा है । लेकिन अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का अर्थ दुसरों की धर्मभावनाआें को आहत करना यह नहीं हो सकता, यह बात शशिधरन ध्यान में रखे ।
५. रही बात शीर्षक की तो क्या शशिधरन कभी अन्य धर्मीय श्रद्धास्थानों का उपयोग करने का साहस दिखाएंगे ? हिन्दू संगठित ना होने के कारण ही कोर्इ भी आता है आैर हमारे देवी-देवता तथा धर्म का अपमान कर चला जाता है । इसलिए अब यह स्थिती बदलने हेतु हिन्दूआें ने संगठित होना यही एकमात्र उपाय है ।
आप क्या कर सकते है ?
१. फिल्म निर्देशक शशिधरन की ‘सेक्सी दुर्गा’ फिल्म तथा भविष्य में आनेवाले उनके हर एक फिल्म का पूर्णत: बहिष्कार करे । अन्यों का भी इस विषय में प्रबोधन करे ।
२. ‘सेक्सी दुर्गा’ पर पूरी तरह से बैन लगे यह मांग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा सेन्सर बोर्ड से करे । यह बात आप इमेल तथा सोशल मिडीया के माध्यम से भी रख सकते है ।
ट्विटर : सूचना-प्रसारण मंत्रालय : https://twitter.com/MIB_India,
सूचना-प्रसारण मंत्री : https://twitter.com/smritiirani, https://twitter.com/Ra_THORe
३. यदि आप इसी प्रकार कहीं भी हिन्दू धर्म तथा देवी-देवताआें का अनादर देखते है, तो उसका तुरंत विरोध करे । हमें भी आप इस विषय में [email protected] पर सुचित करे ।