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महिलाओं का संरक्षण हेतु स्वयंसिद्ध होना समय की मांग ! – श्रीमती शर्वरी रेपाळ

आळसंद-विटा (जिला सांगली, महाराष्ट्र) में शौर्य जागरण शिविर संपन्न !

१३० से भी अधिक जिज्ञासुओं का सहभाग !

उपस्थितों को स्वसंरक्षण के प्रात्यक्षिक दर्शाते हुए समिति के कार्यकर्ता

आळसंद-विटा (जिला सांगली) : महिलाओं के साथ होनेवाले अत्याचारों में प्रतिदिन बढोतरी हो रही है। इसके विरोध में अनेक लोग केवल ‘कैंडल मार्च’ साथ ही अन्य पद्धतियों से निषेध कर रहे हैं; परंतु उससे ये अत्याचार अल्प नहीं होते। पुलिस प्रशासन भी ‘अब महिलाओं को स्वयं ही अपनी रक्षा करनी आवश्यक है’, ऐसा कहते हुए अपने दायित्व झटका रहा है ! अतः महिला एवं युवतियों को संरक्षण हेतु स्वयंसिद्ध होना समय की मांग है !

हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की श्रीमती शर्वरी रेपाळ ने ऐसा मार्गदर्शन किया। २४ सितंबर को आळसंद (तहसिल खानापुर, जिला सांगली, महाराष्ट्र) में श्रीनाथ गणेश एवं श्री दुर्गामाता उत्सव मंडल की ओर से आयोजित शौर्य जागरण शिविर को वो संबोधित कर रही थीं।

इस शिविर के लिए जिज्ञासुओंद्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ। इस शिविर में १०० महिलाएं एवं ३० युवक उपस्थित थे। श्रीमती शर्वरी रेपाळ ने ‘स्वसंरक्षण प्रशिक्षण की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया। शिविर में श्रीमती वीणा कदम ने सूत्रसंचालन किया। शिविर के अंत में श्रीनाथ गणेश मंडल, नवरात्रोत्सव मंडल एवं श्रीशिवप्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओंद्वारा शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किए जाने से उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया।

हिन्दुओं में व्याप्त सुप्त शौर्य को जगाने हेतु इस शिविर का आयोजन ! – वैद्या (कु.) शिल्पा बर्गे

शिविर के प्रारंभ में हिन्दू जनजागृति समिति की वैद्या (कु.) शिल्पा बर्गे ने शिविर का उद्देश्य एवं शौर्यजागरण की आवश्यकता इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘हमारी परंपरा शौर्य एवं पराक्रम की होते हुए भी हिन्दू ब्रिटीशकालीन कानून एवं झूठी अहिंसावादी विचारधारा का प्रभाव इन कारणों से उनमें व्याप्त लडने की वृत्ति ही खो बैठे हैं ! अतः हममें व्याप्त शौर्य को जागृत करने हेतु ऐसे शिविरों का आयोजन करना पड रहा है !’’

कु. वर्षा नकाते ने ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र के संदर्भ में विचार’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया।

वैशिष्ट्यपूर्ण

१. आळसंद की महिला सरपंचा श्रीमती इंदुमती जाधव शिविर में अपने परिवारसहित और अंत तक उपस्थित थीं !

२. शिविर के प्रचार के समय एक कुत्ता धर्मशिक्षावर्ग में आनेवाले साधकों के साथ आ रहा था। वह जिस-जिस घर में रूकता था, वहां पर उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त होता था !

३. धर्मशिक्षावर्ग में आनेवाली महिलाएं, श्रीनाथ गणेश मंडल एवं नवरात्र उत्सव मंडल के कार्यकर्ताओं ने मिलकर इस शिविर का आयोजन किया था। (समय की मांग को पहचानकर नवरात्रि के समय में कोई अन्य मनोरंजनात्मक कार्यक्रम न रख कर शौर्य जागरण शिविर का आयोजन करनेवाले श्रीनाथ गणेश मंडल, नवरात्रोत्सव मंडल एवं श्रीशिवप्रतिष्ठान के कार्यकर्ताओं का अभिनंदन ! इससे प्रेरणा लेकर अन्यत्र के मंडल भी इस प्रकार से उत्सव मनाएं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

क्षणचित्र

१. हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने किसी महिला के साथ कोई अपप्रकर हुआ, तो उसे उसका प्रतिकार कैसे करना चाहिए, साथ ही स्वसंरक्षण कैसे किया जाता है, इसके प्रात्यक्षिक दर्शाए।

२. शिविर में महिलाएं एवं युवतियों ने उत्स्फूर्तता से अपने हाथ उठाकर वीरश्री जागृत करनेवाली घोषणाएं दी !

३. उपस्थित युवकों ने नियमितरूप से प्रशिक्षणवर्ग का आरंभ करने की मांग की !

४. शिविर की अवधि में वर्षा हो रही थी, फिर भी महिला तथा युवतियां बडी संख्या में उपस्थित थीं !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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