Menu Close

बांग्लादेश में ८ लाख नशीली गोलियों की तस्करी करते ३ रोहिंग्या समेत १ बांग्लादेशी गिरफ्तार

एेसे रोहिंग्याआें को भारत में शरण क्यों दें ?

ढाका : बांग्लादेश पुलिस ने ३ रोहिंग्या मुसलमानों और एक बांग्लादेशी नागरिक को तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है । इन लोगों के पास से ८ लाख नशीली याबा टेबलेट्स (मेथम्फेटामाइन) बरामद की गई हैं ।

बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने नाफ नदी से ३ रोहिंग्या समेत ४ को गिरफ्तार किया । नाफ नदी बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा है । आरएबी कमांडर मेजर रुहुल अमीन के अनुसार, “चारों लोग याबा टेबलेट्स की तस्करी कर रहे थे । इनमें से ३ रोहिंग्या मुसलमान और १ बांग्लादेश का नागरिक है । ये लोग नाव के जरिए म्यांमार से ये नशीली दवाएं ला रहे थे !” बीते सप्ताहों में बांग्लादेश की सिक्युरिटी फोर्स ने लाखों याबा टेबलेट्स जब्त की है । पिछले सप्ताह नाफ नदी में २ रोहिंग्या को गिरफ्तार किया गया था । इनके पास से ४ लाख ३० हजार याबा पिल्स जब्त की गई थीं !

बता दें कि, मौजूदा समय में बांग्लादेश म्यांमार से आ रहे रोहिंग्या मुसलमानों की समस्या से जूझ रहा है । २५ अगस्त से अब तक बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में करीब ५ लाख से ज्यादा रोहिंग्या आ चुके हैं !

एक अफसर के अनुसार, बांग्लादेश म्यांमार से आ रही नशीली दवाओं से जूझ रहा है । ज्यादा तस्करी नाफ नदी के रास्ते से होती है । इस इलाके पर नजर रखना कठिन होता है । अफसर ने ये भी बताया कि, म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में बने छोटे-छोटे कमरों में याबा पिल्स तैयार होती हैं ।

रोहिंग्या पर भारत की भूमिका

२१ सितंबर को रोहिंग्या मुसलमानों के भारत में रहने पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ह्यूमन राइट्स का हवाला देकर अवैध शरणार्थियों को रिफ्यूजी बनाने की गलती नहीं की जानी चाहिए । वे म्यांमार से भारत में घुस आए हैं । रोहिंग्या रिफ्यूजी नहीं है, इस सच्चाई को हमें समझना चाहिए । इस मुद्दे पर केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय में शपथपत्र दाखिल कर चुकी है । इसमें सरकार ने कहा था कि, रोहिंग्या के पाकिस्तानी आतंकियों से संबंध हैं । इनके यहां रहने से देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर परिणाम हो सकते हैं ! बता दें कि, देश में फिलहाल ४० हजार रोहिंग्या म्यांमार से आकर रह रहे हैं । उनका दावा है कि, १६ हजार का यूएन रिफ्यूजी डॉक्युमेंटेशन हो गया है ।

रोहिंग्या को न रखने के कारण

केंद्र में अपने एफिडेविट में कहा है कि, रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार से भारत में गैरकानूनी तौर पर घुसे हैं । इसलिए, वो अवैध शरणार्थी हैं !

नेशनल सिक्युरिटी के लिए खतरा : सरकार का कहना है कि, रोहिंग्या मुसलमानों का यहां रहना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न कर सकता है । इनके पाकिस्तान में मौजूद आतंकी गुटों से संबंध हैं !

फंडामेंटल राइट्स इनके लिए नहीं : शपथपत्र के अनुसार, फंडामेंटल राइट्स केवल देश के नागरिकों के लिए होते हैं, ताकि वो भारत में जहां चाहें बस सके । अवैध शरणार्थी उच्चतम न्यायालय के सामने जाकर इन अधिकारों को पाने का दावा नहीं कर सकते !

खतरा क्या ? सीलबंद लिफाफे में बताएगी सरकार : शपथपत्र में सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों से पैदा होनेवाले खतरों पर ज्यादा बारीकी से कुछ नहीं बताया है । तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि, वो नेशनल सिक्युरिटी को होनेवाले खतरों के बारे में एक सीलबंद लिफाफे में पूरी जानकारी देंगे !

स्टेटस ऑफ रिफ्यूजी कन्वेंशन का हिस्सा नहीं है भारत

शपथपत्र में कहा गया है कि, भारत स्टेटस ऑफ रिफ्यूजी कन्वेंशन (१९५१ और १९६७) का हिस्सा नहीं है, ना ही इस पर भारत ने दस्तखत किए हैं । लिहाजा, इससे जुड़े कानून या शर्तें भी मानने के लिए भारत बाध्य नहीं है !

स्त्रोत : दैनिक भास्कर

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *