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समाज में निहित दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में लडने हेतु सक्षम मन एवं शरीर की आवश्यकता ! – श्रीमती शर्वरी रेपाळ

स्वसंरक्षण के कुछ प्रात्यक्षिक दर्शाते हुए समिति के कार्यकर्ता एवं उपस्थित जिज्ञासू महिला

पलूस (जिला सांगली, महाराष्ट्र) : महिलाएं जब समाज में जाती हैं, तब उनको समाज में निहित दुष्प्रवृत्तियों का सामना करना पडता है। इन दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में लडने हेतु सक्षम शरीर एवं मन आवश्यक हैं। इसके लिए स्वसंरक्षण प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है। हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की श्रीमती शर्वरी रेपाळ ने ऐसा प्रतिपादित किया।

पलूस के जय हनुमान नवरात्रि मंडल की ओर से यहां के व्यंकटेश मंदिर में २७ सितंबर को सायंकाल ६ से ७ बजे की अवधि में आयोजित कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रही थीं। इस कार्यक्रम में ४० युवतियां एवं महिलाएं उपस्थित थीं।

इस अवसर पर स्वसंरक्षण के प्रात्यक्षिक भी दर्शाए गए। इस कार्यक्रम का आयोजन श्रीमती दीपा निकम एवं श्रीमती उषा चव्हाण ने किया। उपस्थित महिलाओं ने इस प्रकार के कार्यक्रम का पुनःपुन आयोजन हो, ऐसा मतप्रदर्शन किया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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