उन्होंने ‘जीने का हक दो’ के नारे लगाए । पाक अधिकृत कश्मीर में अकसर पाकिस्तानी सेना पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगते रहते हैं । यहां के लोग लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं । इससे पहले २१ सितंबर को इसी क्षेत्र में सेना ने नौकरी की तलाश में आए चार युवाओं को बुरी तरह पीटा था । सेना कथित तौर पर इन युवाओं को घाटी से उठाकर ले गई और पाकिस्तानी ठेकेदार के आदेश पर इन युवाओं को बुरी तरह प्रताड़ित किया था ।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाक सेना स्थानीय युवाओं पर अपना खौफ बनाए रखने के लिए इन्हें अपना निशाना बनाती रहती है । बीते दिनों पाकिस्तान आर्मी के ही एक अधिकारी ने कथित तौर पर उन लोगों को गोली मारने के आदेश जारी किए थे जो क्षेत्र में नौकरी की तलाश में पहुंच रहे हैं । खुद सेना के अत्याचारों का शिकार बने पीड़ितों ने बताया था कि, पाकिस्तान आर्मी के कैप्टन ने सेना को ठेकेदारों को आदेश दिया था कि, वो अपने साथ गन रखें और नौकरी के तलाश में यहां पहुंचे किसी भी क्षेत्रीय शख्स को गोली मार दें ।
पीड़ितों का कहना था कि, स्थानीय अधिकारियों को इस्लामाबाद से आदेश दिए जाते हैं । आरोप है कि, शिकायत के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है । पाकिस्तान सेना हमें कितना भी प्रताड़ित करे, लेकिन पुलिस उनके विरोध में कोई कार्रवाई नहीं करती । गौरतलब है कि, पिछले दिनों सोशल साइट्स पर एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पाकिस्तान सेना पीओके के निवासियों को बुरी तरह पीटती हुई नजर आई थी ।
वहीं जेके एनएपी, यूके के अध्यक्ष महमूद कश्मीरी ने आरोप लगाया था कि, पाकिस्तान आर्मी लंबे समय से इस तरह की हरकत करती आ रही है । उन्होंने मांग उठाते हुए कहा था कि, इस घटना में शामिल हैं उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए और सजा दी जाए । पाकिस्तानी सेना को आजाद कश्मीर से बाहर किया जाए । उन्होंने इस घटना को यूके में उठाने की भी बात कही थी ।
संदर्भ : जनसत्ता