कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
क्या भाजपा दुसरी काँग्रेस तो नही बन रही ? – सम्पादक
लखनऊ (उत्तरप्रदेश) – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्र में सरकार बनाने के बाद उप्र प्रदेश की तरफ अपना ध्यान केंद्रित किया है। राज्य में एक नवंबर से शुरू हो रहे सदस्यता अभियान के तहत भाजपा की प्रदेश इकाई अब मुसलमानों को संगठन से जोड़ने की कोशिश में जुटेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस अभियान के तहत ही मुसलमानों के मन से मोदी का डर और भ्रम दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
पार्टी की कोशिश 2017 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले अधिक से अधिक संख्या में मुसलमानों को संगठन से जोड़ने की है। पार्टी का सदस्यता अभियान एक नवंबर से शुरू होगा और इसका समापन 30 नवंबर को होगा। इस दौरान पार्टी ने एक करोड़ लोगों को सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। पार्टी के नेता और पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी मोहसिन रजा ने भी स्वीकार किया कि वह एक महीने तक उप्र में भ्रमण कर मुसलमानों को नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण समझाने की कोशिश करेंगे।
मोहसिन ने कहा, “मुसलमानों के भीतर मोदी का डर पैदा किया गया है। इसी डर और भ्रम को दूर करने के लिए मैं खुद एक महीने तक कस्बों से लेकर गांवों तक का भ्रमण करूंगा और उन्हें भाजपा से जोड़ने का प्रयास करूंगा।” उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य एक महीने में 50 हजार मुसलमानों को पार्टी से जोड़ना है। मोहसिन हालांकि, इस प्रयास को बेहद चुनौतीपूर्ण मानते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का भरोसा है कि नई सरकार की नीतियों और नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ दृष्टिकोण को मुस्लिम समुदाय भी जरूर पसंद करेगा।
बकौल मोहसिन, “हमने एक महीने का पूरा खाका और अपनी टीम तैयार कर ली है। गांवों और कस्बों में जोर-शोर से सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। ई-मेल, वाट्सऐप और फेसबुक के माध्यम से भी उन्हें पार्टी से जोड़ने का काम शुरू किया जाएगा।” भाजपा नेता ने कहा कि एक बार जब यह अभियान पूरा हो जाएगा, तब नई सदस्यता सूची तैयार की जाएगी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसे सौंप दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा अब ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों की जगह मुसलमानों के भीतर मोदी सरकार के काम और नीतियों को लेकर विश्वास जगाने पर ध्यान देगी। इसके लिए सबसे जरूरी है कि 2017 से पहले पार्टी मुसलमानों के भीतर मोदी की एक सकारात्मक छवि बनाने का प्रयास करे। पार्टी नेताओं को भी लगता है कि विवादित मुद्दों की जगह मोदी के दृष्टिकोण को लेकर मुसलमानों का समर्थन हासिल किया जा सकता है।
स्त्रोत : पर्दाफाश टुडे