जागरण में प्रकाशित हुए वार्ता के अनुसार रविवार सुबह कोडरमा के महाराणा प्रताप चौक में मोहर्रम जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने जुलूस मार्ग में दुर्गापूजा पंडालों के लिए सजावट और गेट के रास्ते से नहीं हटाए जाने पर आपत्ति जताई । इससे दोनों पक्षों के लोग आमने सामने आ गए ।
देवघर के भुरभुरा मोड के पास स्थित श्री रामबाग पूजा पंडाल में असामाजिक तत्वों ने दो राउंड गोली चलाई । इसके साथ ही पंडाल में घुसकर लोगों के साथ मारपीट व तोडफोड भी की । पुलिस तैनात है ।
यह वार्ता पढकर किसी भी हिन्दू के मन में यह विचार आ सकते है कि . . .
१. हाल ही में आए एक वार्ता के अनुसार बिहार में धर्मांध जिहादियों ने दुर्गामाता के मूर्ति की तोडफोड की थी । इस बार भी जिहादियों ने दुर्गापूजा के पंडाल में घुसकर हिन्दूआें के साथ मारपीट तथा तोडफोड की । अगस्त २०१७ में संपन्न हुए गणेशोत्सव के समय भी कुछ जगहों पर धर्मांधों ने विसर्जन यात्रापर आक्रमण करने की बात सामने आर्इ है । केवल हिन्दूआें के त्यौहार के दौरान ही एेसी घटनाएं क्यों होती है ? क्या आपने कभी सुना है की मुहर्रम, र्इद जैसे त्याैहार के समय हिन्दूआें ने जुलूस पर कभी आक्रमण किया है ?
२. हिन्दुआें के धार्मिक उत्सव पर जब धर्मांध आक्रमण करते है तब सेक्युलर मीडिया चुप रहकर एेसे समाचार को दबा देते है । परंतु किसी चर्च या मस्जिद पर एक पत्थर भी फेंका गया तो उसे Breaking News बनाया जाता है । एैसी दोगली मिडीया का हिन्दूआें ने संपूर्ण बहिष्कार करना चाहिए ।
३. हिन्दूआें पर तत्परता से कारवार्इ करनेवाली पुलिस तथा प्रशासन क्या हिन्दूआें पर आक्रमण करनेवाले धर्मांध जिहादियों पर भी कारवार्इ करने में इसी प्रकार की तत्परता दिखाएंगे ?
४. आज हिन्दूबहुल भारत में भी हिन्दूआें पर आक्रमण बढ रहे है । पुलिस तथा प्रशासन आपकी रक्षा करने के लिए सक्षम नहीं है एैसा कुछ उदाहरणों से सामने आया है । इसलिए हिन्दूआें ने संगठित होना चाहिए तथा भारतीय संविधान के अनुसार अपनी रक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण भी लेना चाहिए ।
हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग चलाए जाते है । यदि आप इसका लाभ उठाना चाहते है तो हमें [email protected] पर संपर्क करे ।