जागरण में प्रकाशित हुए वार्ता के अनुसार, गुरूग्राम में रविवार देर रात पुलिस पार्टी पर हमला कर फरार होनेवाले गो तस्करों ने एक एनआरआइ महिला पर हमला किया था । महिला अपने साथी आर्ची बारानवाल के साथ कार में गुरुग्राम से सोहना की ओर जा रही थी । कार सोहना के निकट पहुंची तो वहां पर पिकअप में सवार तस्करों ने पहले तो फायर किया फिर उनकी कार पर गाय फेंक दी ।
महिला की शिकायत पर पुलिस ने मंगलवार को आरोपियों के विरोध में हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया और छह लोगों को नामजद किया गया है । इससे पहले महिला ने मामले की जानकारी मीडियाकर्मियों को दी थी ।
बता दें कि, सेक्टर-५८ की आयरिवो सिटी निवासी एनआरआइ महिला सोनिया शर्मा इन दिनों इंग्लैड से यहां आई हुई है । रविवार देर रात लगभग ढाई बजे अपने साथी आर्ची बारानवाल साथ सोहना जा रही थी । जब वह सोहना पहुंची तो उसकी कार के आगे महिंद्रा पिकअप चल रही थी, जिसमें गायें भरी हुई थी ।
महिला ने उन्हें देख मोबाइल से फोटो लेने का प्रयास किया तो पिकअप में सवार एक युवक ने गोली चला दी । इसके बाद बदमाशों ने कार के आगे एक गाय फेंक दी । महिलाआें ने पुलिस को पहले ही सूचना दी हुई थी । जिसके चलते पुलिस ने सोहना में नाकेबंदी कर रखी थी ।
पुलिसकर्मियों पर भी गोली चलाते हुए बदमाश भाग निकले थे । हालांकि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ । पुलिस ने पीछा किया तो तस्कर गाय से लदा वाहन छोड भाग गए ।
दूसरी एक घटना में, अलवर के स्कीम नंबर दस स्थित ८० क्वार्टर से टाटा-४०७ में सवार ४ तस्कर गायों को टाटा गाड़ी में लाद कर फरार हो गए । पुलिस ने गोतस्करों का पीछा किया तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी । जानकारी के अनुसार, ८० क्वार्टर स्थित जग्गी के मकान के सामने शनिवार रात करीब १.३० बजे कुछ गायें बैठी थी । इस दौरान गोतस्कर गायों को जबरन टाटा-४०७ में लाद रहे थे । तभी विमला नाम की महिला ने शोर मचा दिया। महिला का शोर सुनकर पास में चल रहे देवी जागरण से लोग मौके पर आए । परंतु, गोतस्कर महिला को बंदुक दिखाकर तीजकी चौकी साइड से भाग गए । इसकी सूचना के बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और गोतस्करों का पीछा करने के साथ नाकाबंदी कराई । इस दौरान एनईबी थाना इलाके में गोतस्करों ने कोतवाली पुलिस पर फायरिंग की।
गौरतलब है कि गोतस्कर ८० क्वार्टर इलाके से २१ सितंबर को भी घर के सामने बंधी एक पालतू गाय को हाक कर ले गए थे।
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र ध्यान में आते है :
१. अपने जान की पर्वा ना करते हुए गोरक्षा हेतु गो तस्कराें का पिछा करनेवाली सोनिया शर्मा जी तथा उनकी दोस्त आर्ची बारानवाल जी का हम अभिनंदन करते है । उनके जैसे रणरागिणीयों की आज देश तथा धर्म को आवश्यकता है ।
२. कुछ दिन पूर्व बंगाल सीमापर गो तस्करों ने एक बीएसएफ जवान की हत्या कर दी थी । इस बार भी गो तस्करों ने सोनिया शर्मा पर गोली चलार्इ है । बहुत सारी घटनाआें में यह बात सामने आर्इ है कि, गो तस्कर बिना किसी डर के गोरक्षक तथा पुलिस पर हमला कर देते है । देश के कर्इ राज्यों में गोहत्या प्रतिबंधक कानून होते हुए भी इस प्रकार की घटनाए होना यह पुलिस तथा प्रशासन के लिए क्या शर्मनाक नहीं है ?
३. जब काेर्इ अखलाक, जुनैद या पहलु खान मारा जाता है, तो उसपर बवाल मचानेवाली मिडीया तथा सेक्युलर कार्यकर्ता अब इस घटना पर चुप क्यों है ? ‘गोरक्षकों के हिंसा पर लगाम लगाने’ की बात करनेवाले राजनेता अब इस घटना पर यह क्यों नहीं कहते की ‘गो तस्करों पर भी लगाम लगाना आवश्यक है ।’ लगता है, इनकी अल्पसंख्यंक तुष्टीकरण के नीति के अनुसार गो तस्करों के विरूद्ध बात करना अनुचित है ।
४. हम स्वयं भी गोरक्षा नहीं करेंगे तथा अन्यों को भी करने नहीं देंगे, इस प्रकार की नीति अपनाने वालों के विरूद्ध अब हिन्दूआें ने संगठित होकर इसका विरोध कर गोरक्षा का कार्य आगे बढाने हेतु प्रयास करना यही समय की आवश्यकता है ।